मुंबई, (आईएएनएस)| यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की हिरासत की मांग करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी दलील में बताया कि प्रथम दृष्ट्या जांच में जो बात सामने आई है, उसके अनुसार, 4,300 करोड़ रुपये का कालाधन अर्जित करके उसका शोधन करने में कपूर शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि कपूर और अन्य आरोपियों ने कालाधन लेकर उसे सफेद घोषित करने के लिए छिपाकर रखा और ईडी के जासूसों द्वारा धन की इस हेराफेरी की जांच जारी है, जिसके लिए हिरासत में कपूर की पूछताछ की आवश्यकता है।
अवकाशकालीन अदालत के न्यायाधीश एस. आर. सालुंखे ने कपूर को 11 मार्च तक के लिए तीन दिनों की ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
कपूर के परिवार के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने के बाद ईडी ने रविवार को कपूर की बेटी रोशनी कपूर को लंदन के लिए उड़ान भरने से रोक दिया।
ईडी ने कहा कि कपूर की तीन बेटियों द्वारा संचालित डूइट अर्बन वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को कथिततौर पर 600 करोड़ रुपये का कर्ज भी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के पास कम परिसंपत्ति बंधक रखने पर दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, ईडी की एक अन्य जांच के दौरान मामला प्रकाश में आया, जब पाया गया कि यस बैंक ने अप्रैल-जून 2018 के दौरान 3,700 करोड़ रुपये मूल्य के ऋणपत्र बेचा था।
साथ ही, यह भी खुलासा हुआ कि डीएचएफएल ने कपूर की बेटियां रोशनी कपूर, राधा कपूर-खन्ना और राखी कपूर-टंडन द्वारा संचालित डीयूवीआईपीएल को 600 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। डीयूवीआईपीएल में कपूर की तीनों बेटियों की 100 फीसदी हिस्सेदारी है।
ईडी ने छह मार्च को रात 11 बजे कपूर के परिसरों की तलाशी ली थी और जांच के लिए उनको ले जाया गया था। इसके करीब 30 घंटे बाद रविवार सुबह उनको गिरफ्तार कर लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि इस बीच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और नई दिल्ली स्थित आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) सात मार्च की सुबह कपूर और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जबकि वह पहले से ही ईडी की हिरासत में थे।
सीबीआई की प्राथमिकी में दावा किया गया है कि कपूर, डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावन व अन्य ने यस बैंक के जरिए डीएचएफएल को वित्तीय फायदा दिलाने और उसके बदले में कपूर परिवार को उनकी कंपनियों के जरिए काफी अनुचित लाभ दिलाने की साजिश रची।