
सिसोदिया ने पीएम को नोट लिखा, ‘भारत को गौरवान्वित करने वाली बेटियों को न्याय दिलाएं’
तिहाड़ जेल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक नोट में आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों के एक महीना से अधिक समय से चल रहे धरना पर चिंता और निराशा जताई। सिसोदिया ने हिंदी में अपने नोट में भाजपा, केंद्र सरकार और यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री की ओर से प्रतिक्रिया की कमी पर खेद जताते हुए कहा कि उनकी “चुप्पी इन साहसी महिलाओं की दुर्दशा के प्रति उदासीनता की तरह है।”
सिसोदिया ने पिछले उदाहरणों पर ध्यान आकर्षित करते हुए, जब प्रधानमंत्री ने उत्साहपूर्वक इन एथलीटों की उपलब्धियों का जश्न मनाया था, कहा कि मौजूदा स्थिति में उन्हें विपरीत प्रतिक्रिया मिल रही है।
उन्होंने पहलवानों के साथ प्रधानमंत्री की पिछली मुलाकातों की याद दिलाते हुए लिखा कि “आपने उनके साथ हंसी-खुशी बांटी, उन्हें अपना परिवार बताया था।”
सिसोदिया ने लिखा, “प्रधानमंत्री की चुप्पी न्याय के लिए संघर्ष कर रहे एथलीटों के यौन उत्पीड़न के आरोपों के निपटारे की आपकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठती है, खासकर जब आरोप एक शक्तिशाली पार्टी के सदस्य पर लगा है।”
देश की कुछ शीर्ष महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जो भाजपा सांसद भी हैं। ये पहलवान उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं।
सिसोदिया ने अपने नोट में लिखा, मुझे यकीन है कि हम सभी उस समय को याद करेंगे, जब ये पहलवान गौरवपूर्ण पदक विजेता के रूप में भारत लौटे थे और प्रधानमंत्री ने जल्दबाजी में इन प्रतिभाशाली एथलीटों के साथ तस्वीरें खिंचवाई थीं और वीडियो बनवाए थे। इतना ही नहीं, इन एथलीटों को पीएम ने फोन कर बधाई दी थी।