BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   मंगलवार, 13 मई 2025 07:53 PM
  • 36.03°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा
  2. आदमपुर एयरबेस पहुंचकर पीएम मोदी ने पाकिस्तान के दावे की निकाली हवा
  3. सीबीएसई ने जारी किया कक्षा 12 का रिजल्ट, लड़कियों ने फिर मारी बाजी
  4. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुंच बढ़ाया जवानों का हौसला
  5. 17 मई से फिर शुरू होगा आईपीएल, फाइनल 3 जून को
  6. डीजीएमओ हॉटलाइन वार्ताः पाकिस्तान बोला एक भी गोली नहीं चलाएंगे, शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं करेंगे
  7. भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ ने की हॉट लाइन पर बात
  8. भारत-पाक तनाव पर ट्रंप ने कहा, ‘हमने परमाणु संघर्ष को रोका, नहीं तो लाखों लोग मारे जाते’
  9. ‘पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे थे आतंक के आका, भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया’
  10. ऑपरेशन सिंदूर : प्रधानमंत्री मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे
  11. सुंदर कांड की चौपाई ‘भय बिनु होय ना प्रीति’ सुना एयर मार्शल ने पाकिस्तान को दी नसीहत
  12. जरूरत पड़ने पर हर मिशन के लिए तैयार, भर चुका था उनके पाप का घड़ा : भारतीय सेना
  13. विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, कहा- जीवन भर याद रहेगी इस प्रारूप से मिली सीख
  14. आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ को बताया ‘फैमिली मैन’, एक बार फिर हुआ पाकिस्तानी सेना का झूठ बेनकाब
  15. भारतीय सेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हुआ राफेल का इस्तेमाल : संबित पात्रा

अभूतपूर्व गर्मी और सूखे से दुनिया की गेहूं आपूर्ति को खतरा : स्टडी

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 03 जून 2023, 2:49 PM IST
अभूतपूर्व गर्मी और सूखे से दुनिया की गेहूं आपूर्ति को खतरा : स्टडी
Read Time:3 Minute, 41 Second

अभूतपूर्व गर्मी और सूखे से दुनिया की गेहूं आपूर्ति को खतरा : स्टडी

अमेरिका और चीन के गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में अत्यधिक तापमान की संभावना काफी बढ़ गई है, जो फसल की पैदावार को प्रभावित कर सकती है। एक अध्ययन में ये जानकारी सामने आई है। जर्नल एनपीजे क्लाइमेट एंड एटमॉस्फेरिक साइंस में प्रकाशित जानकारी के मुताबिक हर सौ साल में एक बार होने वाली हीट वेभ अब मिडवेस्टर्न यूएस में हर छह साल में एक बार और पूर्वोत्तर चीन में हर 16 साल में एक बार होने की संभावना है।

अमेरिका और चीन को ग्लोबल ब्रेडबास्केट माना जाता है – ऐसे क्षेत्र जो दुनिया में अनाज की जरूरतों का उत्पादन करते हैं। यदि ये फसलें एक साथ या अन्य मुख्य फसलों की तरह एक ही समय में विफल हो जाएंगी, तो इसका दुनिया भर में भोजन की कीमत और उपलब्धता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

अध्ययन उस स्थिति के बारे में है जिसके लिए लोगों को तैयारी करने की जरूरत है, भले ही ऐसी स्थिति अभी पैदा नहीं हुई है।

टफ्ट्स विश्वविद्यालय में फ्राइडमैन स्कूल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस एंड पॉलिसी के एसोसिएट प्रोफेसर एरिन कफलान डी पेरेज ने कहा, ऐतिहासिक रिकॉर्ड अब यह नहीं बताता है कि भविष्य के लिए हम क्या उम्मीद करें।

कफलान डी पेरेज ने कहा, हम एक बदली हुई जलवायु में रह रहे हैं और लोग क्लाइमेंट चेंज से पैदा होने वाले हालातों को नजरअंदाज कर रहे हैं।

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज की सबसे हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में औसत वैश्विक तापमान 1850 और 1900 के बीच की तुलना में 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक था।

अध्ययन के लिए, कफलन डी पेरेज और उनकी टीम ने पिछले 40 वर्षों से मौसमी पूवार्नुमानों का एक बड़ा समूह एकत्र किया।

उन्होंने तापमान और वर्षा में हजारों संभावित विविधताओं को उत्पन्न करने के लिए इस समूह का उपयोग किया।

शीतकालीन गेहूं की फसलें पतझड़ के मौसम में बढ़ती हैं और अगली गर्मियों में काटी जाती हैं। वसंत में उच्च तापमान, जब गेहूं का पौधा फूल रहा होता है, गेहूं के विकास को प्रभावित कर सकता है।

27.8 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर पौधे गर्मी से प्रभावित होने लगते हैं। 32.8 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होने पर गेहूं में महत्वपूर्ण एंजाइम टूटने लगते हैं।

कफलन डी पेरेज ने कहा कि रिकॉर्डतोड़ गर्मी और रिकॉर्डतोड़ सूखा एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

इन दो खतरों का संयोजन गेहूं की फसल को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *