BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   शनिवार, 30 नवंबर 2024 04:10 अपराह्न
  • 26.01°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. संभल मामला : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 8 जनवरी तक केस में कोई एक्शन न लें सर्वे रिपोर्ट भी न खोलें
  2. सत्ता के भूखे लोग जनता से सिर्फ झूठ बोलते आए हैं, विपक्ष पर बरसे प्रधानमंत्री मोदी
  3. चुनाव आयोग की निंदा करें, लेकिन भाषा का रखें ध्यान : सोमनाथ भारती
  4. भाई जगताप को चुनाव आयोग से माफी मांगनी चाहिए : दीपक केसरकर
  5. राज कुंद्रा के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के बाद शिल्पा शेट्टी के वकील का बयान आया सामने
  6. चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर होने वाली आईसीसी मीटिंग स्थगित
  7. विधानसभा चुनावों के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी कांग्रेस, सीडब्ल्यूसी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
  8. सीडब्ल्यूसी मीटिंग : कांग्रेस में एकजुटता, चुनाव लड़ने के तरीकों और ईवीएम जैसे मुद्दों पर चर्चा
  9. अमेरिका से जुड़े मामले पर विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत को ‘निजी फर्मों और व्यक्तियों से जुड़े कानूनी मामले’ पर कोई सूचना नहीं मिली
  10. भाजपा बताए रोहिंग्या सीधे दिल्ली तक कैसे पहुंच रहे हैं? : सौरभ भारद्वाज
  11. कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक में विधानसभा चुनाव परिणामों पर हुई चर्चा : देवेंद्र यादव
  12. कांग्रेस नेता भाई जगताप के बिगड़े बोल- चुनाव आयोग को बताया ‘कुत्ता’
  13. दिल्ली में ‘लॉ एंड आर्डर’ को लेकर केंद्र पर फिर बरसे अरविंद केजरीवाल
  14. संभल हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का जिया उर रहमान बर्क ने किया स्वागत
  15. संभल हिंसा के बाद जुमे की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से निपटी

आईएईए की रिपोर्ट जापान की परमाणु-दूषित जल निर्वहन योजना को उचित नहीं ठहरा सकती

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 07 जुलाई 2023, 5:12 PM IST
आईएईए की रिपोर्ट जापान की परमाणु-दूषित जल निर्वहन योजना को उचित नहीं ठहरा सकती
0 0
Read Time:6 Minute, 48 Second

आईएईए की रिपोर्ट जापान की परमाणु-दूषित जल निर्वहन योजना को उचित नहीं ठहरा सकती

अप्रैल 2021 में जापान सरकार द्वारा समुद्र में परमाणु-दूषित जल निर्वहन की योजना की एकतरफा घोषणा के बाद, जापान में घरेलू मत्स्य समूहों, प्रशांत रिम क्षेत्रों और दक्षिण प्रशांत द्वीप देशों ने कड़ा विरोध व्यक्त किया। दबाव में जापान ने आईएईए को उसी वर्ष सितंबर में समीक्षा और मूल्यांकन करने के लिए आमंत्रित किया।

दो साल के काम के बाद, आईएईए ने अंततः अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की। हालांकि, रिपोर्ट मूल्यांकन में शामिल सभी विशेषज्ञों की राय को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करती थी, और प्रासंगिक निष्कर्षों को विशेषज्ञों द्वारा सर्वसम्मति से अनुमोदित नहीं किया गया था। क्यों? इसका सीधा संबंध आईएईए के मूल्यांकन कार्य पर जापान के विभिन्न प्रतिबंधों से है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में व्यापक संदेह पैदा किया है।

आईएईए मुख्य रूप से परमाणु प्रौद्योगिकी के सुरक्षित, संरक्षित और शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है, और समुद्री पर्यावरण और जैविक स्वास्थ्य पर परमाणु-दूषित पानी के दीर्घकालिक प्रभाव का आकलन करने के लिए एक उपयुक्त संस्था नहीं है।

कुछ विश्लेषकों का कहना है कि जापान सरकार ने इसे परमाणु-दूषित जल निर्वहन की योजना का मूल्यांकन करने के लिए आमंत्रित किया था, और शुरू से ही यह चाहती थी कि आईएईए इसका समर्थन करेगी। इस लक्ष्य के आधार पर जापान ने पिछले दो वर्षों में कई कदम उठाए हैं। सबसे पहले, जापानी पक्ष ने आईएईए के कार्य प्राधिकरण को सख्ती से सीमित कर दिया। इसे केवल परमाणु-दूषित जल की योजना का मूल्यांकन करने की अनुमति दी, और इसे भाप निर्वहन, हाइड्रोजन निर्वहन, भूमिगत दफन आदि अन्य उपचार विकल्पों का मूल्यांकन करने की अनुमति नहीं दी। यह संस्था के काम को सीमित करता है। ऐसी स्थिति में, रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की वास्तविक चिंताओं का जवाब देना मुश्किल है। कोरिया की डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सांसदों ने कहा कि रिपोर्ट “सभी सामग्री की सही कल्पना पर आधारित एक मूल्यांकन है।”

इसके बाद, आईएईए द्वारा प्राप्त सभी समीक्षा नमूने और संबंधित डेटा जापानी सरकार द्वारा प्रदान किए गए थे। साथ ही टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के पास कई बार परमाणु-दूषित जल डेटा को छिपाने और छेड़छाड़ करने का “काला इतिहास” है। ऐसी परिस्थितियों में, जापान द्वारा एकतरफा उपलब्ध कराए गए डेटा और जानकारी के आधार पर, आईएईए केवल एक छोटे नमूने का तुलनात्मक विश्लेषण करता है, जिसमें नमूने की स्वतंत्रता और प्रतिनिधित्वशीलता का गंभीर अभाव है। कुछ प्रमुख मुद्दों के लिए, जैसे कि क्या जापानी शुद्धिकरण
उपकरण लंबे समय तक प्रभावी है? पारिस्थितिक पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर रेडियोन्यूक्लाइड का क्या प्रभाव पड़ता है? क्या परमाणु दूषित जल पर डेटा सही और सटीक है? रिपोर्ट कोई जवाब नहीं दे सकती, तो यह जापान की परमाणु-दूषित जल निर्वहन की योजना की वैधता कैसे साबित कर सकती है? हम यह कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि इस योजना का अन्य देशों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा?

पिछले दो वर्षों में, जापान ने एक तरफ “परमाणु प्रदूषित जल” को “परमाणु उपचारित जल” के रूप में बताया है, ताकि इसके पर्याप्त नुकसान को कम किया जा सके। दूसरी ओर, जापान ने 2021 के बजट में फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना से संबंधित जनसंपर्क निधि को 2 अरब युआन तक बढ़ा दिया गया है, जो 2020 की तुलना में चार गुना है।

रिपोर्ट की सामग्री जो भी हो, अगले तीन दशकों में प्रशांत महासागर में लाखों टन परमाणु-दूषित पानी को लगातार छोड़ने के जापान के प्रयास को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जापान ने इसे छोड़ने का फैसला किया, वास्तव में परमाणु प्रदूषण का खतरा पूरी मानव जाति पर स्थानांतरित हो गया। कई अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों से पता चला है कि फुकुशिमा परमाणु दूषित जल में 60 से अधिक प्रकार के रेडियोन्यूक्लाइड होते हैं। स्वयं जापान द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, एएलपीएस द्वारा उपचारित लगभग 70 प्रतिशत परमाणु-दूषित पानी डिस्चार्ज मानक को पूरा नहीं करता है और इसे फिर से शुद्ध करने की आवश्यकता होती है। जापान सरकार को जनता की राय सुननी चाहिए, विज्ञान का सम्मान करना चाहिए, समुद्री निर्वहन योजना को निलंबित करना चाहिए।

साथ ही परमाणु-दूषित जल का वैज्ञानिक, सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से उपचार करना चाहिए और सख्त अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षण को स्वीकार करना चाहिए।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
ये भी पढ़े

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *