आरबीआई ने विभिन्न बैंकों में लावारिस जमा का पता लगाने के लिए वेबसाइट लॉन्च की
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल उद्गम (अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स – गेटवे टू एक्सेस इनफॉर्मेशन) लॉन्च किया, जिससे लोगों के लिए अपनी लावारिस जमाओं की खोज करना आसान हो जाएगा।
आरबीआई द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि वेब पोर्टल के लॉन्च से उपयोगकर्ताओं को अपने लावारिस जमा और खातों की पहचान करने में मदद मिलेगी और वे जमा राशि का दावा करने या अपने जमा खातों को अपने संबंधित बैंकों में चालू करने में सक्षम होंगे।
रिज़र्व बैंक सूचना प्रौद्योगिकी प्राइवेट लिमिटेड, भारतीय वित्तीय प्रौद्योगिकी और संबद्ध सेवाएँ और भाग लेने वाले बैंकों ने पोर्टल विकसित करने में सहयोग किया है।
फिलहाल, उपयोगकर्ता पोर्टल पर उपलब्ध सात बैंकों के संबंध में अपनी लावारिस जमा राशि का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
पोर्टल पर शेष बैंकों की खोज सुविधा चरणबद्ध तरीके से 15 अक्टूबर 2023 तक उपलब्ध कराई जाएगी।
केंद्रीय बैंक ने इस साल 6 अप्रैल को अपने “विकासात्मक और नियामक नीतियों पर वक्तव्य” के हिस्से के रूप में लावारिस जमा की खोज के लिए एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल के विकास की घोषणा की थी।
यह पहल बैंकों में लावारिस जमा की बढ़ती मात्रा के बीच शुरू की गई है। आरबीआई इस मामले पर जनता को जागरूक करने के लिए समय-समय पर जन जागरूकता अभियान चला रहा है।
इसके अलावा, इन पहलों के माध्यम से आरबीआई लोगों को लावारिस जमा का दावा करने के लिए अपने संबंधित बैंकों की पहचान करने और उनसे संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।