संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने एक बयान जारी कर कहा है कि गाजा शहर के अल अहली अरब अस्पताल में हुआ बड़ा हमला, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए, “पूरी तरह से अस्वीकार्य” है।
जिनेवा, 18 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने एक बयान जारी कर कहा है कि गाजा शहर के अल अहली अरब अस्पताल में हुआ बड़ा हमला, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए, “पूरी तरह से अस्वीकार्य” है।
उन्होंने मंगलवार शाम जारी एक बयान में कहा, “मेरे पास शब्द नहीं हैं। आज रात, गाजा शहर के अल अहली अरब अस्पताल में भयानक रूप से एक बड़े हमले में सैकड़ों लोग मारे गए। उनमें मरीज, स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी और मरीजों के परिजन शामिल थे, जो अस्पताल र उसके आसपास ठहरे हुये थे।”
फ़िलिस्तीनी सूत्रों के अनुसार, कम से कम 500 फ़िलिस्तीनी मारे गए। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक रॉकेट अस्पताल पर गिरा, जिसके बाद परिसर में एक बड़ा विस्फोट हुआ।
तुर्क ने कहा, “हम अभी तक नहीं जानते कि नरसंहार कितना बड़ा था, लेकिन इतना स्पष्ट है कि हिंसा और हत्याएं तुरंत रुकनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि सभी प्रभावशाली देशों को इसे समाप्त करने के लिए यथाशक्ति सारे प्रयास करने चाहिये।
उन्होंने जोर देकर कहा, “नागरिकों की रक्षा की जानी चाहिए और मानवीय सहायता को तत्काल जरूरतमंदों तक पहुंचाने की अनुमति दी जानी चाहिए।”
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मंगलवार दोपहर गाजा के मध्य क्षेत्र में एक शरणार्थी शिविर में संयुक्त राष्ट्र के एक स्कूल पर हमला होने से कम से कम छह लोग मारे गए। यह स्कूल शरण चाहने वाले लगभग 4,000 लोगों के लिए आश्रय स्थल के रूप में काम कर रहा था।
डब्ल्यूएचओ ने भी मंगलवार रात को अल अहली अरब अस्पताल पर हुए हमले पर एक बयान जारी किया और हमले की कड़ी निंदा करते हुए बड़े पैमाने पर लोगों के हताहत होने की खबर दी।
डब्ल्यूएचओ ने जोर देकर कहा कि अस्पताल में इलाज चल रहा है और वहां मरीज, स्वास्थ्यकर्मी और आंतरिक रूप से विस्थापित लोग रह रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह अस्पताल गाजा पट्टी के उत्तर में स्थित 20 अस्पतालों में से एक था, जिन्हें इजरायली सेना ने खाली करने का आदेश दिया है। वर्तमान असुरक्षा, कई रोगियों की गंभीर स्थिति, और विस्थापित लोगों के लिए एम्बुलेंस, कर्मचारियों, स्वास्थ्य, प्रणाली बिस्तर क्षमता और वैकल्पिक आश्रय की कमी को देखते हुए आदेश का पालन करना असंभव है।
डब्ल्यूएचओ ने नागरिकों और स्वास्थ्य कर्मियों की तत्काल सक्रिय सुरक्षा का आह्वान किया। वैश्विक संस्था ने इस बात पर जोर दिया कि अस्पतालों को खाली करने का आदेश वापस लिया जाना चाहिये और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन किया जाना चाहिए, जिसका अर्थ है कि स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों की सक्रिय रूप रक्षा की जानी चाहिए और कभी भी निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।
मंगलवार रात जारी एक टिप्पणी में रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) ने कहा कि वह उन रिपोर्टों से स्तब्ध और भयभीत है कि गाजा में अल अहली अरब अस्पताल नष्ट हो गया और सैकड़ों लोग मारे गए।
समिति ने कहा, “अस्पतालों को मानव जीवन को की रक्षा का अभयारण्य होना चाहिए, न कि मौत और विनाश के दृश्यों का। किसी भी मरीज को अस्पताल में नहीं मारा जाना चाहिए। किसी भी डॉक्टर को दूसरों को बचाने की कोशिश में अपनी जान नहीं गंवानी चाहिए। अस्पतालों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत संरक्षित किया जाना चाहिए।”