बीएनटी न्यूज़
कोलकाता। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने पश्चिम बंगाल सरकार को विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) शुभेंदु अधिकारी पर संभावित आतंकी हमले के बारे में सचेत किया है।
यह हमला बांग्लादेश स्थित कट्टरपंथी संगठन के सहयोगियों द्वारा किया जा सकता है, जो पड़ोसी देश के साथ लगती सीमा के जरिए भारतीय क्षेत्र में पहले ही प्रवेश कर चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों की ओर से राज्य सचिवालय को भेजी गई दो सूचनाओं में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विपक्ष के नेता दो बांग्लादेशी कट्टरपंथी संगठनों जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के निशाने पर हैं।
सूत्रों ने बताया कि खुफिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि विपक्ष के नेता को उन कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में निशाना बनाया जा सकता है, जिनमें वह रोजाना भाग ले रहे हैं। इन कार्यक्रमों में वह बांग्लादेश में हाल के संकट, खासकर वहां अल्पसंख्यकों और हिंदू धार्मिक प्रतिष्ठानों पर हमले के बारे में लगातार मुखर रहे हैं।
इस संबंध में खतरे की आशंका पहले से ही थी, जिसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने पिछले महीने अधिकारी की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया था।
इस साल नवंबर तक अधिकारी को केवल पश्चिम बंगाल राज्य में ही “जेड” श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी। हालांकि केंद्रीय खुफिया रिपोर्ट में खतरे की आंशका को देखते हुए अब से विपक्ष के नेता को भारत में जहां भी वे यात्रा करेंगे, वही सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
इससे पहले अधिकारी को पश्चिम बंगाल के अलावा किसी भी अन्य राज्य में “वाई” श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी।
सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल पुलिस भी खुफिया एजेंसियों की ताजा चेतावनी को काफी गंभीरता से ले रही है और उसने राज्य की खुफिया एजेंसियों को सलाह दी है कि वे इसके अनुसार कार्य करें तथा इस संबंध में अपनी ओर से सभी सुरक्षा उपाय अपनाएं।
केंद्रीय और राज्य दोनों ही सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां पहले से ही हाई अलर्ट पर हैं, क्योंकि उन्हें सूचना मिली है कि एचयूटी के सहयोगी भारत-बांग्लादेश सीमा से लगे विभिन्न जिलों में सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं और वहां स्लीपर सेल खोलने का प्रयास कर रहे हैं।
खुफिया जानकारी के अनुसार, हाल ही में एचयूटी के दो सक्रिय सहयोगी वैध बांग्लादेशी पासपोर्ट के साथ छात्र बनकर पश्चिम बंगाल आए थे और मालदा तथा मुर्शिदाबाद जिलों में कुछ स्थानीय युवकों के साथ बैठकें की थी।
खुफिया जानकारी के अनुसार, इन दोनों एचयूटी कार्यकर्ताओं ने शुरू में इन दोनों जिलों में स्थानीय युवाओं के साथ धार्मिक मुद्दों पर चर्चा की और उसके बाद सीमावर्ती जिलों में स्लीपर सेल खोलने के स्तर तक बातचीत की। दोनों बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान रिदवान मारूफ और सब्बीर आमिर के रूप में हुई है।