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मुजफ्फरपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के महाकुंभ स्नान को लेकर की गई एक टिप्पणी को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में परिवाद पत्र दायर किया गया है। इस परिवाद पत्र में आरोप लगाया गया है कि खड़गे के जानबूझकर दिए गए इस बयान से हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था को ठेस पहुंची है।
मुजफ्फरपुर न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में स्थानीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने परिवाद पत्र दायर किया है। दायर परिवाद पत्र में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि गंगा में डुबकी लगाने से क्या गरीबी दूर हो जाएगी? उनके इस बयान से करोड़ों हिंदू धर्मावलंबियों की आस्था को ठेस पहुंची है।
उन्होंने कहा कि जानबूझकर ऐसा बयान दिया गया है, जो हिंदुओं का अपमान है। गंगा को हम मां मानते हैं और जो लोग स्नान कर रहे हैं या महाकुंभ जा रहे हैं, उनकी भावना आहत हुई है।
अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजनीतिक लाभ के लिए सनातनी हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। विभिन्न धाराओं के तहत यह परिवाद पत्र दायर किया गया है, जिसमें आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निवेदन किया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी को होगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को महाकुंभ में त्रिवेणी संगम में भाजपा के नेताओं के डुबकी लगाने पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि क्या गंगा में स्नान करने से गरीबी खत्म हो जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता कैमरों के लिए डुबकी लगाने की होड़ में जुटे हैं। मध्य प्रदेश के महू में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि भाजपा नेता तब तक डुबकी लगाते हैं, जब तक यह कैमरों में अच्छा नहीं दिखे।