
बीएनटी न्यूज़
पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे के हालिया बयान को लेकर राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष लगातार केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साध रही है। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अदालत पर टीका-टिप्पणी ठीक नहीं है।
पटना में पत्रकारों से बातचीत में निशिकांत दुबे के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, “अदालत पर इस तरह टीका-टिप्पणी नहीं करना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मामला दर्ज होना चाहिए।”
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को वक्फ (संशोधन) कानून पर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई को लेकर एक बयान दिया था, हालांकि भाजपा ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस दौरान एक बार फिर प्रदेश में भ्रष्टाचार का मामला उठाते हुए कहा कि मैंने जो प्रश्न उठाए हैं, उस पर सत्ता पक्ष के लोगों को जवाब देना चाहिए।
उन्होंने भाजपा पर भड़कते हुए कहा, “अगर मेरे समय में पथ निर्माण विभाग में कोई गड़बड़ी हुई है तो उसे ठीक कर दें। ये लोग बिना सिर-पैर की बात करते हैं। दिमाग थोड़े ही है इन लोगों के पास।”
उन्होंने कहा, “उन्हें यह बताना चाहिए कि सरकारी पैसों से ये पार्टी का प्रचार कर रहे हैं या नहीं। भ्रष्टाचार थाना स्तर से लेकर मंत्री स्तर तक है या नहीं है, इसका जवाब दें। वे लोग मुझे ही कठघरे में डाल रहे हैं। उनकी एजेंसी क्या कर रही है?”
तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार के सिस्टम में गड़बड़ी है तो सवाल तो उठाए जाएंगे। अगर ग्लोबल टेंडर हो रहा है तो बिहार के ठेकेदार कहां जाएंगे? वैसे ग्लोबल टेंडर भी भ्रष्टाचार का ही एक खेल है। बाहर के ठेकेदार आएंगे और कमीशन देंगे।”
उल्लेखनीय है कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को भी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा था कि तेजस्वी यादव जब खुद उपमुख्यमंत्री थे और पथ निर्माण मंत्री भी थे, उस समय उनके माध्यम से पथ निर्माण विभाग में 26 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ, लेकिन वे उस पर चुप हैं। उन्होंने कहा था कि तेजस्वी यादव के समय के जितने एस्टीमेट और प्राक्कलन बने थे, सबकी हमने जांच कराई थी, उसमें 26 करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी अब जो आरोप लगा रहे हैं, तो उसमें प्रमाण उपलब्ध कराएं।