
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि मौजूदा इंडिकेटर्स भारत की अर्थव्यवस्था की सकारात्मक तस्वीर दिखा रहे हैं और वैश्विक चुनौतियों के बाद भी घरेलू अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है।
अशोका यूनिवर्सिटी में एक समारोह में नागेश्वरन ने आगे कहा, “वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है। वित्त वर्ष 25 के आंकड़े मई में उपलब्ध होंगे और मौजूदा इंडिकेटर्स संकेत दे रहे हैं कि विकास दर मजबूत रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि देश में ऊर्जा किफायती हो रही है और एनर्जी ट्रांजिशन से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और छोटे एवं मध्यम एंटरप्राइजेज एवं मैन्युफैक्चरिंग में इजाफा हो रहा है।
नागेश्वरन ने मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एजुकेशन और देश का कुशल कार्यबल विकास दर को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महंगाई को नियंत्रित रखते हुए व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता है। साथ ही देश के आगे बढ़ने के साथ समावेशी विकास को टारगेट करना जरूरी है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में 2047 तक एक विकसित, उच्च आय वाला देश बनने के भारत के दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर चर्चा की।
उन्होंने आगे कहा, “पिछले तीन दशकों में भारत ने लगातार 6.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर हासिल की है और मुझे लगता है कि यह एक प्रभावशाली उपलब्धि है। यह भारत में संस्थागत चपलता और परिपक्वता दोनों को दर्शाता है। साथ ही कहा कि वैश्विक उथल-पुथल भारत के लिए अवसर पैदा कर सकती है।
आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी हुई है। अगले दो वर्षों में दुनिया की एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था होगी, जो कि 6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा, “हमारे अप्रैल 2025 के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में 2.8 प्रतिशत की कमजोर वैश्विक वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, जिसमें 127 देशों की वृद्धि दर में गिरावट शामिल है, जो विश्व जीडीपी का 86 प्रतिशत है।”
इस आउटलुक में बताया गया कि भारत की अर्थव्यवस्था 2025 में 6.2 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जबकि 2026 में इसके 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। वहीं, चीन की अर्थव्यवस्था 2025 में 4 प्रतिशत और 2026 में 4.6 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।