मासारम्भ में आथिक व्यवसाय में भाग्य का समुचित सहयोग प्राप्त कर एवं कर्म तत्परता द्वारा अपनी जड़ मजबूत कर सकते हैं। गृह, वाहन सुख, धर्म में श्रद्धा, उत्तरार्ध में मानसिक चिन्ता , व्यर्थ के भ्रमण का योग बना है।
मासारम्भ में आथिक व्यवसाय में भाग्य का समुचित सहयोग प्राप्त कर एवं कर्म तत्परता द्वारा अपनी जड़ मजबूत कर सकते हैं। गृह, वाहन सुख, धर्म में श्रद्धा, उत्तरार्ध में मानसिक चिन्ता , व्यर्थ के भ्रमण का योग बना है।