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दिल्ली में बढ़ेंगी बीटेक की 360 और एमटेक की 72 सीटें

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अपडेटेड 02 सितंबर 2020, 12:01 PM IST
दिल्ली में बढ़ेंगी बीटेक की 360 और एमटेक की 72 सीटें
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दिल्ली में बढ़ेंगी बीटेक की 360 और एमटेक की 72 सीटें

नई दिल्ली, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली सरकार ने नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (एनएसयूटी) में दो नए परिसरों के विस्तार का निर्णय लिया है। इसके साथ ही चौधरी ब्रम्ह प्रकाश राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज (जाफरपुर) और अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च (गीता कॉलोनी) को एनएसयूटी से जोड़ा जाएगा। एनएसयूटी से जुड़ने के बाद दोनों संस्थानों में शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में सर्वागीण विकास होगा। इस विलय से बीटेक में 360 तथा एमटेक में 72 अतिरिक्त सीटें बढ़ जाएंगी।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “दोनों कॉलेजों को एनएसयूटी की प्रतिष्ठा और संसाधनों का लाभ मिलेगा। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एनएसयूटी का गौरवशाली इतिहास है। इसका शैक्षणिक कौशल और उद्योग जगत के साथ संबंध भी काफी महत्वपूर्ण है। एनएसयूटी के कारण दोनों कॉलेजों को समुचित विकास का अवसर मिलेगा।”

सिसोदिया ने इस नई शुरूआत के लिए एनएसयूटी द्न दोनों कॉलेजों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयासरत है।

इस विस्तार के बाद जाफरपुर स्थित वेस्ट कैंपस में सिविल, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और मेकेनिकल इंजीनियरिंग की स्पेशलाइज्ड पढ़ाई होगी। इसी तरह, गीता कॉलोनी स्थित ईस्ट कैंपस में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस की स्पेशलाइज्ड पढ़ाई होगी।

गौरतलब है कि एनएसयूटी में जेईई (मेन्स) परीक्षा के जरिए नामांकन होता है। इसलिए विस्तार के बाद इन परिसरों में भी जेईई परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लिया जाएगा। इसके कारण नामांकित छात्रों की गुणवत्ता में सुधार होगा।

दिल्ली सरकार के मुताबिक वर्तमान में इन दोनों कॉलेजों के आईटी छात्रों को प्लेसमेंट पैकेज मात्र 3.5 से 6.5 लाख रुपए तक मिलता है। जबकि एनएसयूटी के स्टूडेंट्स को औसतन 11.5 लाख का पैकेज मिलता है और अधिकतम पैकेज 70 लाख तक जाता है।

इस निर्णय से कई प्रशासनिक जटिलता भी कम होंगी। जैसे, शिक्षकों की नियुक्ति, वित्तीय निर्णय लेने की गति, स्वायत्तता की कमी। अभी दोनों संस्थानों में नियमित शिक्षकों की कमी है। नियुक्ति प्रक्रिया धीमी होने और अदालत में कुछ मामले लंबित होने के कारण ये जटिलता है। वर्तमान में दोनों कॉलेज संविदा या गेस्ट फैकल्टी के जरिए अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। स्थायी शिक्षकों के अभाव के कारण तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ सपोर्ट स्टाफ के मामले में भी यही स्थिति है। इन दोनों कॉलेजों में रिक्त एवं स्वीकृत पदों के लिए एनएसयूटी के नियमों के अनुसार नियुक्ति होगी।

दोनों कॉलेजों के वर्तमान स्टूडेंट्स को उनके प्रवेश के समय निर्धारित फीस का ही भुगतान करना होगा। उन्हें जीजीएसआइपी विश्वविद्यालय द्वारा ही डिग्री दी जाएगी। नए नामांकित छात्रों को एनएसयूटी के तहत डिग्री मिलेगी। नए छात्रों की फीस का निर्धारण एनएसयूटी प्रबंधन बोर्ड करेगा।

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