BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   शुक्रवार, 29 नवंबर 2024 11:14 अपराह्न
  • 16.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर होने वाली आईसीसी मीटिंग स्थगित
  2. सत्ता के भूखे लोग जनता से सिर्फ झूठ बोलते आए हैं, विपक्ष पर बरसे मोदी
  3. विधानसभा चुनावों के प्रदर्शन की समीक्षा करेगी कांग्रेस, सीडब्ल्यूसी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
  4. सीडब्ल्यूसी मीटिंग : कांग्रेस में एकजुटता, चुनाव लड़ने के तरीकों और ईवीएम जैसे मुद्दों पर चर्चा
  5. अमेरिका से जुड़े मामले पर विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत को ‘निजी फर्मों और व्यक्तियों से जुड़े कानूनी मामले’ पर कोई सूचना नहीं मिली
  6. भाजपा बताए रोहिंग्या सीधे दिल्ली तक कैसे पहुंच रहे हैं? : सौरभ भारद्वाज
  7. कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक में विधानसभा चुनाव परिणामों पर हुई चर्चा : देवेंद्र यादव
  8. कांग्रेस नेता भाई जगताप के बिगड़े बोल- चुनाव आयोग को बताया ‘कुत्ता’
  9. दिल्ली में ‘लॉ एंड आर्डर’ को लेकर केंद्र पर फिर बरसे अरविंद केजरीवाल
  10. संभल हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का जिया उर रहमान बर्क ने किया स्वागत
  11. संभल हिंसा के बाद जुमे की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से निपटी
  12. महायुति की बैठक हुई रद्द, एकनाथ शिंदे सातारा हुए रवाना
  13. विपक्ष की बात मानने के बावजूद वे सदन में शोर मचा रहे : जगदंबिका पाल
  14. पाकिस्तान में सांप्रदायिक हिंसा जारी, मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 100 से अधिक
  15. सीएम हेमंत सोरेन ने शहीद अग्निवीर के आश्रित को नियुक्ति पत्र और 10 लाख मुआवजे का चेक सौंपा

सुप्रीम कोर्ट ने वित्तीय पुनर्गठन पर केंद्र और आरबीआई से मांगा जवाब

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 06 अक्टूबर 2020, 7:19 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने वित्तीय पुनर्गठन पर केंद्र और आरबीआई से मांगा जवाब
0 0
Read Time:4 Minute, 9 Second

सुप्रीम कोर्ट ने वित्तीय पुनर्गठन पर केंद्र और आरबीआई से मांगा जवाब

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से विभिन्न क्षेत्रों के संबंध में प्रतिक्रिया मांगी, जिसमें कोविड-19 संकट के दौरान ऋणों की भुगतान अनुसूची पुन: बनाने (वित्तीय पुनर्गठन) की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह के साथ ही न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “भारत सरकार और साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक अतिरिक्त हलफनामे में विभिन्न क्षेत्रों की शिकायतों के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।”

सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने कोविड-19 महामारी के कारण दी गई छह महीने की मोहलत के दौरान ऋण पर ब्याज वसूलने से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की।

सुप्रीम कोर्ट ने ऋण स्थगन मामले में केंद्र सरकार और आरबीआई द्वारा दायर की गई प्रतिक्रिया पर सोमवार को असंतोष व्यक्त किया, क्योंकि उन्होंने जबाव में कामत समिति की सिफारिश और उस पर कार्रवाई को शामिल नहीं किया था।

शीर्ष अदालत ने कामत समिति की सिफारिशों पर केंद्र से ‘स्पेशिफिक’ जबाव मांगा है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने अब केंद्र को कामत समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन को स्पष्ट करने के मामले में एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। पीठ ने कहा है कि कामत समिति की सिफारिशें का पालन भी पहले भी नहीं किया गया है।

पीठ ने कहा, “इसे हमारे सामने क्यों नहीं रखा गया?”

आरबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी.वी. गिरि ने कहा कि निर्णय उच्चतम स्तर पर लिए गए हैं और सरकार ने छोटे उधारकर्ताओं को हैंड-होल्िंडग का आश्वासन दिया है।

शीर्ष अदालत ने जोर दिया कि आरबीआई को उन सिफारिशों को सार्वजनिक करना चाहिए जिन्हें स्वीकार किया गया है। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर की तारीख दी है।

केंद्र ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने 6 महीने की मोहलत के दौरान 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ‘ब्याज पर ब्याज’ माफ करने का फैसला लिया है। हलफनामे में कहा गया है कि एकमात्र समाधान यही है कि सरकार को चक्रवृद्धि ब्याज की छूट से होने वाले नुकसान का बोझ उठाना चाहिए।

केंद्र ने कहा, ‘सावधानी से विचार करने और सभी संभावित विकल्पों को तौलने के बाद, भारत ने छोटे उधारकर्ताओं के लिए हैंड-होल्डिंग की परंपरा को जारी रखने का फैसला किया है।’

बता दें कि 2 करोड़ रुपये तक के ऋणों की श्रेणियों में एमएसएमई ऋण, शिक्षा ऋण, आवास ऋण, उपभोक्ता टिकाऊ ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो ऋण, पेशेवर और व्यक्तिगत ऋण शामिल हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
ये भी पढ़े

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *