
वुहान में डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की बातों से षड्यंत्र रचने वाले हुए निराश
बीजिंग, 12 फरवरी (बीएनटी न्यूज़)| 9 फरवरी को वुहान में आयोजित चीन-विश्व स्वास्थ्य संगठन कोविड-19 स्रोत अनुसंधान के संयुक्त विशेषज्ञों की प्रेस वार्ता में डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ ग्रुप के प्रमुख पीटर बेन एंबारक ने बताया कि प्रयोगशाला से रिसाव होने की बहुत कम संभावना है। वायरस के स्रोत का पता लगाने का भावी कार्य इस दिशा में नहीं चलेगा। इस निष्कर्ष से एक अरसे से अन्याय झेल रहे वुहान वायरस अनुसंधान संस्थान का नाम साफ हो गया है। षड्यंत्र रचने वाले अमेरिकी और पश्चिमी राजनीतिज्ञ और मीडिया इससे जरूर निराश होंगे। पिछले दसेक दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन के संयुक्त विशेषज्ञ दल के सदस्यों ने एक साथ ढेर सारी कोविड-19 महामारी संबंधी सामग्री का अध्ययन किया और नौ संस्थानों का दौरा कर चिकित्सकों, प्रयोगशालाओं में कार्यरत लोगों, स्वस्थ हुए मरीजों और नागरिकों के साथ व्यापक रूप से बात की। विशेषज्ञ ग्रुप के सदस्य डॉक्टर पीटर दासजाक ने ब्लूमबर्ग के साथ एक इंटरव्यू में बताया कि हमने उन्हें सुझाव दिया कि कहां जाना है और किन से मिलना है। हम सूची में शामिल हर जगह गए। वे हमें ले जाने के इच्छुक थे।
इससे जाहिर है कि कोविड-19 के स्रोत का पता लगाने में चीन हमेशा खुला और पारदर्शी रवैया अपनाता है। चीन का वायरस के स्रोत का पता लगाने को रोकना एकदम निराधार बात है। वास्तव में ऐसी आवाज नहीं निकलनी चाहिए थी। क्योंकि वायरस के स्रोत का पता लगाना सरासर वैज्ञानिक सवाल है, जिसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है।
संयुक्त विशेषज्ञों के प्रारंभिक निष्कर्ष से देखा जाए तो कोविड-19 के मध्यम होस्ट से मानव में फैलने की संभावना है। इसके अलावा प्रत्यक्ष संक्रमण या कोल्ड चेन फूड से संक्रमण होने की भी संभावना है। इसने विश्व भर में कोविड-19 वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए अधिक समर्थन प्रदान किया है। पेशेवर लोगों को पेशेवर कार्य करने देना चाहिए। महामारी के मुकाबले में मानव को ऐसा रूख अपनाने की जरूरत है।