
कीटनाशकों के इस्तेमाल के लिए लॉकडाउन में जारी हुईं फसल विशेष पद्धतियां
नई दिल्ली, 18 फरवरी (बीएनटी न्यूज़)| कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर जब देशभर में लॉकडाउन लागू था, उस समय खेती-किसानी का काम निर्बाध तरीके से चल रहा था, क्योंकि केंद्र सरकार ने इसकी छूट दे दी थी। उसी दौरान कीटनाशकों के समुचित इस्तेमाल के लिए फसल विशेष पद्धतियों के 14 पैकेज भी जारी किए गए थे। यह जानकारी बुधवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने दी। जानकारी के अनुसार, एकीकृत कीटनाशक प्रबंधन तथा कीटनाशकों के उचित उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए लॉकडाउन के दौरान राज्यों को 14 फसल विशेष तथा कीट विशेष प्रैक्टिस पैकेज जारी किए गए।
मंत्रालय ने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी कीटनाशक निमार्ताओं को 6788 पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीआर) तथा कीटनाशकों के निर्यात के लिए 1011 सीआर जारी किए गए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “कृषि तथा किसान कल्याण विभाग वनस्पति संरक्षण तथा वनस्पति क्वारंटीन (एसएमपीपीपीक्यू) योजना के माध्यम से नियामक, निगरानी तथा मानव संसाधन विकास का कार्य कृषि फसलों की गुणवत्ता और उपज में कम से कम नुकसान के लक्ष्य के साथ कार्य करता है। कृषि फसलों की गुणवत्ता और मात्रा को कीड़े, मकोड़े, बीमारियों, घास-पात, कीड़ों तथा चूहे, गिलहरी आदि से नुकसान होता है। विदेशी प्रजातियों के आक्रमण और फैलाव से जैव सुरक्षा को संरक्षित करने के लिए 1200 से अधिक पैक हाउस,राइस मिल्स, प्रोसेसिंग इकाइयों, शोधन सुविधाओं, सुगंधी देने वाली एजेंसियों तथा प्रवेश बाद क्वारंटीन सुविधाओं का पुनर्वैधीकरण किया गया है, ताकि कृषि उत्पादों के निर्यात में मदद मिल सके।”
पिछले साल देश के कई राज्यों में टिड्डीदलों के प्रकोप पर निर्यत्रण के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर का उपयोग किया था। मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान भारत ड्रोन के इस्तेमाल से टिड्डियों पर नियंत्रण करने वाला विश्व का पहला देश बन गया। देश के इतिहास में सबसे बड़ा टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया गया, जिसके तहत 10 राज्यों के 5.70 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रों में टिड्डियों के प्रकोप पर नियंत्रण किया गया।
मंत्रालय ने 2020 में स्थानीय बाजार में प्याज की कीमत स्थिर रखने और प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्याज के आयात की शर्तो में छूट दी गई।