BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   गुरुवार, 05 जून 2025 11:35 PM
  • 30.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में पीएम मोदी ने रणनीतिक रोडमैप किया तैयार
  2. बेंगलुरु हादसा : प्रधानमंत्री मोदी ने 11 लोगों की मौत पर जताया दुख
  3. ‘भारतीय संस्कृति की प्रेरणा से यहां आया हूं’, रामलला के दर्शन के बाद बोले एरोल मस्क
  4. देश में कब शुरू होगी जातिगत जनगणना, सामने आई तारीख
  5. चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत, 33 घायल
  6. आरसीबी की आईपीएल जीत के जश्न में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास भगदड़ में 3 की मौत, कई घायल
  7. ‘सरेंडर जानते हो राहुल बाबा’, पंडित नेहरू का पत्र शेयर कर निशिकांत दुबे ने पूछा सवाल
  8. प्रधानमंत्री कार्यालय ने एनर्जी सेक्टर में 11 वर्षों में हुए बड़े और परिवर्तनकारी सुधारों की दी जानकारी
  9. ‘ऐसी घटनाएं लोकतंत्र की जड़ों पर हमला’, सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के बंगाल हिंसा मामले में छह आरोपियों की जमानत रद्द की
  10. जी-7 के शिखर सम्मेलन के लिए भारत को आमंत्रित नहीं किए जाने पर प्रमोद तिवारी ने उठाए सवाल, कहा यह ‘कमजोर विदेश नीति’ का नतीजा
  11. संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा, केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने दी जानकारी
  12. पीएम मोदी 6 जून को करेंगे दुनिया के सबसे ऊंचे ‘चिनाब रेल ब्रिज’ का उद्घाटन
  13. राहुल गांधी के चंडीगढ़ दौरे को लेकर दीपेंद्र हुड्डा बोले, ‘हरियाणा में संगठन विस्तार संभव’
  14. क्लासरूम कंस्ट्रक्शन घोटाला : मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को एसीबी का समन, पूछताछ के लिए बुलाया
  15. संजय झा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाकर स्वदेश लौटा

महिला दिवस: धर्म का पालन करते हुए शासकीय सेवा और अदब की खिदमत कर रहीं नुसरत मेहदी

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 09 मार्च 2021, 10:32 AM IST
महिला दिवस: धर्म का पालन करते हुए शासकीय सेवा और अदब की खिदमत कर रहीं नुसरत मेहदी
Read Time:5 Minute, 16 Second

महिला दिवस: धर्म का पालन करते हुए शासकीय सेवा और अदब की खिदमत कर रहीं नुसरत मेहदी

नई दिल्ली, 9 मार्च (बीएनटी न्यूज़)| महिलाओं के अदृश्य संघर्ष को सलाम करने के लिए उनके सम्मान में, उन्हें समान अधिकार और सम्मान दिलाने के उद्देश्य के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीयमहिला दिवस मना रहा है, ऐसे में उत्तरप्रदेश के बिजनौर में जन्मीं डॉ. नुसरत मेहदी अपने समाज अपने धर्म का पालन करते हुए कामयाबी से शासकीय सेवा और अदब की खिदमत कर रही हैं। नुसरत मेहदी बचपन मे मिले हुए अदबी माहौल के कारण अदब की खिदमत करना चाहती थीं। साथ ही शासकीय सेवा के माध्यम से समाज और देश के निर्माण में अपनी भूमिका निभाना और अपना योगदान देना चाहती थीं।

डॉ. नुसरत मेहदी ने यूपी के बिजनौर जिले से 12वीं तक शिक्षा हासिल कीं, वहीं आगे की पढ़ाई मेरठ और भोपाल से की हैं। वह एक बहुत प्रतिष्ठित, शिक्षित और साहित्यिक परिवार से तालुल्क रखती हैं। उनके पिता लड़कियों की शिक्षा के बहुत बड़े समर्थक थे।

नुसरत मेहदी शायरी के मैदान में काफी सक्रिय हैं। इनके अलावा उनकी बहनें भी शायरी करने का शौक रखती हैं।

नुसरत महानदी ने आईएएनएस को बताया, “मुस्लिम घर मे पैदा होना निश्चित रूप से फख्र की बात है। क्योंकि इस्लाम कभी औरत को कम नहीं आंकता और न ही उसे आगे बढ़ने, दुनिया मे नाम कमाने और समाज और मुल्क के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने से रोकता है।”

नुसरत मेहदी अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद मध्यप्रदेश में ही शासकीय सेवा में आ गई। अंग्रेजी की व्याख्याता के रूप में अपनी सेवाएं देते हुए विभिन्न प्रशासनिक पदों पर अपनी सेवाएं भी दीं।

वह मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी में लंबे समय तक सचिव रहीं, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड में प्रथम महिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहीं, राज्य हज समिति में भी कार्यपालन अधिकारी रहीं।

इतना ही नहीं, देश की विभिन्न संस्थानों जैसे उर्दू भाषा विकास परिषद दिल्ली, नेशनल बुक ट्रस्ट इत्यादि में सदस्य रही हैं। वहीं वर्तमान में मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।

उर्दू अकादमी व हज कमेटी को नुसरत मेहदी की अनथक मेहनतों और सक्रियता के कारण देश में सर्वश्रेष्ठ एवं सर्वाधिक सक्रिय होने का गौरव हासिल हुआ है।

नुसरत मेहदी बताती है, “हमारे समाज में आज भी बहुत से लोग स्त्री को एक निश्चित दायरे और निश्चित मापदंडो या कहिये कि उनके बनाये हुए मापदंडों में बांध के रखना चाहते हैं। निश्चित रूप से सौ प्रतिशत अब ऐसा नही है, लेकिन काफी बड़ा हिस्सा आज भी औरत के रिवायती रूप को ही पसन्द करता है। जिसमें उसके अपने वजूद, अपनी पसंद और अपना ²ष्टिकोण कोई मायने नही रखता।”

नुसरत मेहदी आज जानी मानी लेखिका, शायरा होने के साथ-साथ उच्च अधिकारी भी हैं। इस मकाम तक पहुंचने में उनकी अपनी काबिलियत के साथ उनके परिवार का भी सहयोग रहा है। लेकिन बाहरी दुनिया में संघर्ष और चुनौतियां बहुत हैं। जिसका सीधा संबंध वे हमारे समाज के एक बहुत बड़े तबके की कम इल्मी और अशिक्षा को मानती हैं।

नुसरत मेहदी जहां रहीं सफलता के कीर्तिमान स्थापित करती रहीं। इसीलिए शासकीय सेवा, अदब व शायरी में उन्हें अनेकानेक पुरस्कार और सम्मानों से नवाजा गया।

देश और विदेश में अनेक साहित्यिक सम्मेलनों और मुशायरों में वे भारत की कामयाब नुमाइंदगी करती रही हैं और आज भी करती हैं। उनकी कई किताबें हिंदी और उर्दू ने मंजरे आम पर आ चुकी हैं और मकबूलियत हासिल कर चुकी हैं। नुसरत मेहदी हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी भाषाओं में शायरी, अफसाने और मजमून लिखती हैं और संस्कृत, फारसी और अरबी भाषाओं की ज्ञाता हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *