
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी असरदार भी और अनुकूल भी
बीजिंग, 27 जून (बीएनटी न्यूज़)| कुछ देश चीन पर वैचारिक युद्ध छेड़ने और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और देश पर अपनी ²ष्टि लागू करने की कोशिश करते रहते हैं। इतना ही नहीं, कुछ देश तो मानवाधिकारों की बयानबाजी का उपयोग करने का भी प्रयास करते हैं। ये देश न केवल चीन की राजनीतिक व्यवस्था को समझने में विफल रहते हैं, बल्कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के रिकॉर्ड का ईमानदार या निष्पक्ष चित्रण करने से भी दूर रहते हैं। इन दिनों चीनी सरकार और जनता चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ की खुशियां मना रही है। वास्तव में, चीन की राजनीतिक व्यवस्था ने स्थानीय राजनीतिक परिस्थितियों के अनुकूल होने और देश के विकास की सर्वोत्तम जरूरतों को पूरा करने में खुद को लचीला साबित किया है। किसी भी देश के लिए सबसे उपयुक्त प्रणाली उसके इतिहास, परंपराओं और वास्तविकताओं से निर्धारित होती है। दुनिया भर में कई प्रकार की राजनीतिक दल प्रणाली हैं, और एक भी प्रणाली नहीं है जो सभी देशों के लिए अच्छी हो।
हालांकि, सीपीसी के राज्य सत्ता के प्रयोग का मतलब लोकतंत्र के लिए मनाही नहीं है। सीपीसी के अलावा, चीन की राजनीतिक दल प्रणाली में आठ अन्य राजनीतिक दल और प्रमुख व्यक्ति शामिल हैं जो किसी भी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हैं। उनके बीच सहयोग सुनिश्चित करता है कि राज्य के मामलों के प्रशासन में विभिन्न क्षेत्रों से आवाज सुनी जाती है।
चीन की नीति-निर्माण प्रक्रिया में परामर्श महत्वपूर्ण है। अन्य पक्ष और गैर-संबद्ध लोग इंटरनेट सहित कई चैनलों के माध्यम से अपनी सलाह को आगे बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए 14वीं पंचवर्षीय योजना और वर्ष 2035 तक दीर्घकालिक उद्देश्यों के निर्माण के प्रस्तावों को अपनाने से पहले, चीन के विधायी निकाय ने नेटिजन्स से 10 लाख से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त कीं।
गैर-सीपीसी राजनीतिक दल नियमित आधार पर आर्थिक और सामाजिक विकास के प्रमुख
मुद्दों पर लक्षित अनुसंधान करते हैं। उनके प्रतिनिधियों को विशेष क्षेत्र कार्य, निरीक्षण और पर्यवेक्षण में सलाह देने और भाग लेने के लिए प्रासंगिक सम्मेलनों में बैठने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
चीन का लोकतंत्र चुनाव के रंगमंच और नाटक के बारे में नहीं है, बल्कि इस सिद्धांत पर है कि लोकतंत्र को आर्थिक अधिकारों से तौला जाए, जो बदले में मानवाधिकार हैं। वर्तमान राजनीतिक दल प्रणाली के तहत, चीन एक पिछड़े कृषि प्रधान देश से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी से और अपेक्षाकृत कम समय में परिवर्तित हो गया है।
साल 1949 में जब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पहली बार सत्ता में आई, तो चीन एक अविकसित, कृषि प्रधान देश था, जिसमें एक छोटे जमींदार वर्ग द्वारा नियंत्रित किसानों का वर्चस्व था। साल 1952 में इसका सकल घरेलू उत्पाद सिर्फ 67.9 अरब युआन (9.55 अरब डॉलर) था। यह आज के चीन में अकेले तीसरे स्तर के शहर के प्रदर्शन से कम है। साल 1949 में, देश में औसत आयु मात्र 35 वर्ष थी, लेकिन आज यह आंकड़ा 77.3 पर पहुंच गया है।
सीपीसी नीतियों के कार्यान्वयन ने लोगों के जीवन की संभावनाओं और गुणवत्ता में एक उत्कृष्ट परिवर्तन किया है। साल 1956 से 2020 तक, प्रयोज्य घरेलू आय केवल 98 युआन से बढ़कर 32,189 युआन हो गई।
सीपीसी और अन्य राजनीतिक दलों के बीच कड़े सहयोग ने चीन को राष्ट्रीय लक्ष्यों के लिए आवश्यक सभी संसाधनों को एकत्र करने में सक्षम बनाया है। आर्थिक विकास के अलावा, चीन ने घोषणा की कि उसने साल 2020 में देश भर में अत्यधिक गरीबी समाप्त कर दिया है।
इस बीच, कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में चीन की दक्षता और लामबंदी ने दुनिया को प्रभावित किया है। ये चीन की बहुदलीय सहयोग प्रणाली के सुचारू रूप से काम करने का ही परिणाम हैं।