
दिल्ली में 910 के बजाए रिकॉर्ड 955 एमजीडी पानी का शोधन, पर्याप्त सप्लाई संभव होगी
नई दिल्ली, 19 जुलाई (बीएनटी न्यूज़)| दिल्ली जल बोर्ड रिकॉर्ड पानी का उत्पादन कर रहा है। दिल्ली में पहले की क्षमता 910 के बजाए अब 955 एमजीडी पानी का उत्पादन हो रहा है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि यमुना नदी में पर्याप्त कच्चे पानी के साथ बेहतर इंजीनियरिंग समाधानों की उपलब्धता से अधिकतम पानी का शोधन कर रहे हैं। दिल्ली में फिलहाल 955 एमजीडी पानी का उत्पादन किया जा रहा है। दिल्ली में अब पानी की आपूर्ति सामान्य हो गई है। दिल्ली जल बोर्ड सामान्य से अधिक पानी का शोधन कर रहा है। इसके जरिए घरों में पर्याप्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि उनको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि रविवार को दिल्ली जल बोर्ड द्वारा दिल्ली का जल उत्पादन सामान्य 910 एमजीडी के मुकाबले 955 एमजीडी के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा सभी को पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। हमारे इंजीनियर सभी बाधाओं को दूर करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
हरियाणा से 16 हजार क्यूसेक पानी शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गया है। इस दौरान राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने संघर्ष किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। आखिरकार दिल्ली वालों का संघर्ष सफल हुआ है। दिल्ली के हक का पानी रोकने के मामले में हरियाणा सरकार के असली चेहरे का पदार्फाश हुआ है। पहले उन्होंने दिल्ली के हक का पानी रोका, जिसकी वजह से नदी सूख गई थी और दिल्ली वालों का गला सूख गया था। अब संघर्ष के बाद नदी में दिल्ली के हक का पानी आया है।
दिल्ली हमेशा से पानी की आपूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर रहा है। दिल्ली ने कई दशक पहले पड़ोसी राज्यों के साथ संधियां साइन की हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी के जरिए, हरियाणा सरकार यमुना नदी के माध्यम से और पंजाब की सरकार भाखड़ा नागल से दिल्ली वालों को निर्धारित पानी देगी।
राघव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1995 में तय किया था कि हरियाणा को इतना पानी रोजाना दिल्ली को देना है। उसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए हरियाणा सरकार 120 एमजीडी प्रतिदिन दिल्ली को नहीं दे रहा था। जिससे पानी प्लांटों की क्षमता 40 से 50 फीसदी तक कम होती जा रही थी।
राघव चड्ढा के मुताबिक दिल्ली में वजीराबाद पोंड पर यमुना नदी का स्तर 674.5 फीट होना चाहिए, जबकि यमुना का जल स्तर घटकर 667 फीट पर आ गया था, यानि की पूरी नदी सूख गई थी। पानी कम मिलने की वजह से चंद्रवाल उपचार जल संयंत्र की क्षमता 90 एमजीडी से घटकर 55 एमजीडी, वजीराबाद प्लांट की 135 एमजीडी के घटकर 80 एमजीडी और ओखला प्लांट की 20 एमजीडी से घटकर 12 एमजीडी रह गई थी।
राघव चड्ढा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने दिल्ली के हक का पानी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद रोका था। हरियाणा सरकार ने अपने यहां पानी रोक लिया था। दिल्ली में जल संकट पैदा हो गया था। इसके बाद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई और हरियाणा सरकार पर दबाव बनाया। जिसके बाद हरियाणा सरकार ने मजबूर होकर 16 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा है।