आईबीसी विधेयक पारित होने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
नई दिल्ली, 4 अगस्त (बीएनटी न्यूज़)| राज्यसभा ने विपक्षी दलों के हंगामे के बीच मंगलवार को दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021 को पारित कर दिया। विधेयक पारित करने के साथ ही संसद के ऊपरी सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा पहले ही यह विधेयक (बिल) पास कर चुकी है।
सदन में संक्षिप्त चर्चा हुई, जबकि विपक्ष ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। वित्त मंत्री ने कहा कि वह एक बहस चाहती हैं, क्योंकि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है।
निर्मला सीतारमण ने बहस के दौरान बीजद के अमर पटनायक को रोकने के लिए विपक्ष की कड़ी आलोचना की।
इससे पहले राज्यसभा दो बार दोपहर 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित हुई। विपक्षी सांसदों ने निलंबन नोटिस दिया था जिसकी अनुमति सभापति एम. वेंकैया नायडू ने नहीं दी।
असम से कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने असम और मिजोरम के बीच कलह पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत निलंबन नोटिस दिया था।
कांग्रेस के एक अन्य सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने दिल्ली में 9 साल की बच्ची से कथित दुष्कर्म और हत्या मामले में नोटिस दिया था।
भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने भी पेगासस परियोजना पर चर्चा के लिए जोर देने के लिए नोटिस दिया।
जासूसी मुद्दे के अलावा ईंधन की कीमतों और कृषि कानूनों को लेकरउच्च सदन में विपक्ष का विरोध जारी रहा।
इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और राज्यसभा के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने नियम 238 के तहत व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कहा कि तृणमूल सांसद की पापड़ी चाट को लेकर की गई टिप्पणी निराधार है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नकवी ने तृणमूल कांग्रेस की आपत्तिजनक टिप्पणी को आड़े हाथों लिया। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस सांसद ने सरकार पर जल्दबाजी में विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
नकवी ने कहा कि बहुत दुर्भाग्य और शर्म की बात है कि तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने संसद की कार्यवाही और जो संसद में कामकाज हो रहा है, उसे पापड़ी चाट बनाने से जोड़कर संसद की गरिमा का तो अपमान किया ही है बल्कि संसद सदस्यों का भी घोर अपमान किया है।
दरअसल तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओब्रायन ने एक ट्वीट में कहा था कि पहले 10 दिनों में संसद में कमाल! मोदी-शाह ने 12 विधेयक पारित कराए और इसका औसत समय सात मिनट प्रति विधेयक है। विधेयक पारित करा रहे हैं या पापड़ी चाट बना रहे हैं।
टीएमसी सांसद बिना बहस और चर्चा के संसद में विधेयकों को पारित करने की बात कर रहे थे।
मानसून सत्र शुरू होने के बाद यह तीसरा सप्ताह चल रहा है और सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा।
फिलहाल सबसे बड़ा मुद्दा पेगासस प्रोजेक्ट स्नूपिंग विवाद है, जिस पर विपक्ष चर्चा की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार का कहना है कि आईटी मंत्री के बयान के बाद ही स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है। विपक्ष कृषि कानूनों और ईंधन वृद्धि पर भी चर्चा चाहता है।