BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   बुधवार, 07 मई 2025 08:04 PM
  • 29.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब : मल्लिकार्जुन खड़गे
  2. ‘कांग्रेस ने मुस्लिमों को धोखा दिया, देश के हक में है वक्फ संशोधन कानून’, रांची में बोले मौलाना साजिद रशीदी
  3. ऑपरेशन सिंदूर : एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों को सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी
  4. घरेलू विमानन कंपनियों की फ्रेश ट्रैवल एडवाइजरी जारी, 10 मई तक कुछ फ्लाइट्स रद्द
  5. राष्ट्रपति मुर्मू से मिले पीएम मोदी, ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की दी जानकारी
  6. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी ने यूरोप दौरा किया रद्द
  7. ऑपरेशन सिंदूर : जिस जगह हुई थी कसाब और हेडली की ट्रेनिंग, भारतीय सेना ने उन्हें मिट्टी में मिला दिया
  8. भारत की अंतरिक्ष यात्रा प्रतिस्पर्धा नहीं, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित : पीएम मोदी
  9. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने 8 मई को बुलाई सर्वदलीय बैठक
  10. ऑपरेशन सिंदूर : पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठक में सेना की तारीफ की, बताया- ‘गर्व का पल’
  11. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ : भारत की एयर स्ट्राइक में मारे गए 70 से अधिक आतंकी
  12. ऑपरेशन सिंदूर : कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान को सबूत के साथ दिखाई औकात
  13. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने की अधिकारियों के साथ बैठक, कहा- एकजुट और मजबूत रहें
  14. पीएम मोदी ने रद्द की तीन देशों की यात्रा, मई के मध्य में जाने वाले थे यूरोप
  15. ऑपरेशन सिंदूर : प्रियंका गांधी, मायावती और अखिलेश यादव ने सेना के शौर्य की तारीफ की

‘राजनीतिक वायरस’ की ट्रेसेबिलिटी की जानी चाहिए !

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 04 अगस्त 2021, 6:42 AM IST
‘राजनीतिक वायरस’ की ट्रेसेबिलिटी की जानी चाहिए !
Read Time:5 Minute, 44 Second

‘राजनीतिक वायरस’ की ट्रेसेबिलिटी की जानी चाहिए !

बीजिंग, 4 अगस्त (बीएनटी न्यूज़)| अमेरिका ने कोरोना वायरस की ट्रेसेबिलिटी के प्रति निरंतर राजनीतिक चाल की है और डब्लूएचओ को चीन के खिलाफ दूसरे चरण की ट्रेसेबिलिटी योजना बनाने के लिए मजबूर किया। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि डेल्टा वायरस के तेजी से प्रसार को रोकने के लिए ‘राजनीतिक वायरस’ की ट्रेसेबिलिटी करना सबसे महत्वपूर्ण है, नहीं तो महामारी की रोकथाम में एक स्वस्थ और उपयुक्त अंतरराष्ट्रीय वातावरण प्राप्त करना मुश्किल है। न्यू कोरोना वायरस की ट्रेसेबिलिटी एक गंभीर वैज्ञानिक समस्या है, और इसका वैज्ञानिक तरीके से पता लगाया जाना चाहिए। हालांकि, चीन के खिलाफ काम करने के उद्देश्य में, अमेरिकी राजनेताओं ने वुहान प्रयोगशाला रिसाव जैसे झूठ फैलाने में अथक प्रयास किया। जिसकी अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय ने खूब आलोचना की है। यदि ऐसे राजनीतिक वायरस, जो अपने विरोधियों को हराने के लिए ट्रेसेबिलिटी का उपयोग करता है, को समाप्त नहीं किया जाए, तो अंतर्राष्ट्रीय महामारी-विरोधी सहयोग और ट्रेसेबिलिटी सुचारू रूप से आगे नहीं बढ़ेगी।

मार्च में प्रकाशित चीन-डब्ल्यूएचओ ट्रैसेबिलिटी संयुक्त शोध रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेसेबिलिटी का दूसरा चरण विश्व के अनेक देशों व क्षेत्रों में किया जाना चाहिए। हालांकि, अमेरिका ने जानबूझकर झूठ बनाकर ट्रेसेबिलिटी के अध्ययन को गलत रास्ते में पहुंचाने का प्रयास किया। उधर अमेरिका ने अपने राजनीतिक साधनों और आर्थिक संसाधनों के माध्यम से डब्ल्यूएचओ को दबाव रख दिया। और डब्ल्यूएचओ के नेताओं की कुछ कमजोरियों का लाभ उठाकर, उन के पुन: निर्वाचन का समर्थन करने का वचन देने से डब्ल्यूएचओ को अमेरिकी उम्मीद का पालन करवाने की कोशिश की। अमेरिका ने वैज्ञानिक समुदाय को वुहान प्रयोगशाला रिसाव जैसे झूठ का समर्थन करने के लिए मजबूर करने का भी प्रयास किया।

वास्तव में, अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय अच्छी तरह जानता है कि चीन की प्रयोगशालाओं में कोई समस्या मौजूद नहीं है। डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ समूह की मार्च रिपोर्ट में इस बात का स्पष्टीकरण किया जा चुका है। लेकिन अमेरिका ने चीनी प्रयोगशालाओं की दूसरी जांच करने पर जोर दिया। ताकि इससे चीन को एक ऐसी दुविधा में डाला जाए कि अगर वह दूसरे निरीक्षण के लिए राजी हो गया तो वह अपनी गरिमा खो देगा और अगर वह नहीं मानता है तो यह और भी संदिग्ध होगा। अपने प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ चाल चलने में कोई संकोच नहीं करना, यह वास्तविक राजनीतिक वायरस है। ट्रेसेबिलिटी एक वैज्ञानिक सवाल है, और इसे वैज्ञानिकों के द्वारा वैज्ञानिक तरीकों से हल किया जाना चाहिए। इसे अमेरिकी खुफिया संस्थाओं के हाथ में देने की अनुमति हर्गिज नहीं है। ट्रेसेब्लिटी के माध्यम से चीन को दबाने की अमेरिका की साजिश जरूर विफल होगी।

अब भी दुनिया में महामारी का कहर जारी है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में दुनिया भर में लगभग 4 मिलियन नए पुष्ट मामले सामने आए, और अगले दो हफ्तों में वैश्विक मामले 20 करोड़ से अधिक हो जाएंगे। उधर अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के दस्तावेजों के अनुसार, डेल्टा वायरस कम से कम 132 देशों और क्षेत्रों में फैल गया है, और मौजूदा टीके इस नए वायरस के प्रसार को पूरी तरह से रोक नहीं सकते हैं। इसी गंभीर स्थिति में, विभिन्न देशों को महामारी से लड़ने के लिए सक्रिय रूप से सहयोग करना चाहिए और ट्रेसेबिलिटी करने में वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना चाहिए। इस प्रक्रिया में दूसरे देशों के खिलाफ ट्रेसेबिलिटी का राजनीतिकरण दुनिया का सबसे बड़ा दुश्मन है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *