
विधान परिषद में कानून-व्यवस्था, पंचायत चुनाव पर हंगामा, सपा का वाकआउट
लखनऊ, 19 अगस्त (बीएनटी न्यूज़)| उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में बुधवार को प्रदेश में कानून-व्यवस्था और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कथित धांधली को लेकर हंगामा हुआ और सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए उच्च सदन से वाकआउट किया। शून्यकाल में सपा सदस्यों राम सुंदर दास निषाद, शतरूद्र प्रकाश, वासुदेव यादव, अरविंद कुमार सिंह, सुनील सिंह साजन, राजेश कुमार यादव, संतोष यादव सनी ने गोरखपुर के थाना क्षेत्र गोला में बीती 24 जुलाई को नवविवाहित ग्राम पंचायत अधिकारी अनीश कुमार की दिन-दहाड़े धारदार हथियार से हुयी हत्या का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया।
सदस्यों ने कहा कि गोरखपुर में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी के विवाह की जानकारी होने पर लड़की के परिजनों ने उनकी हत्या कर दी। सदस्यों ने प्रदेश की कानून व्यवस्था खराब होने का बात करते हुए कहा कि अब पूरे परिवार को जान का खतरा बना हुआ है। नेता प्रतिपक्ष ने मामले की सीबीआई से जांच कराने और एक करोड़ मुआबजा दिये जाने की मांग की, जबकि सपा सदस्य नरेश उत्तम ने पूरे परिवार को सुरक्षा दिए जाने की बात कही।
नेता सदन ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि प्रदेश में अपराधों में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि सरकार नीति है कि अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसका नतीजा है कि आज अपराधी व माफिया या तो जेल में हैं या प्रदेश छोड़ कर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर की घटना दुखद एवं निंदनीय है। नामजद 17 और चार अज्ञात अभियुक्तों में से अब तक मुख्य अभियुक्त सहित दस को गिरफ्तार किया जा चुका है। कठोरतम धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। सरकार कठोर कार्रवाई कर रही है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य कानून व्यवस्था ध्वस्त है, के नारे लगाते हुए सदन से वाकआउट कर गए।
सपा ने कार्य स्थगन के माध्यम से पंचायत चुनाव में धांधली और सरकारी मशीनरी के कथित दुरुपयोग का मामला उठाया। सपा सदस्य उदयवीर सिंह ने आरोप लगाया कि तमाम जगहों पर जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों ने भाजपा के एजेंट के तौर पर काम किया। उन्होंने कहा कि बड़ी सख्या में सपा के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका गया और कुछ जगह मतदाताओं को उठा लिया गया।
उन्होंने कहा कि यहां तक की राज्य निर्वाचन आयोग की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। समाजवादी पार्टी ने कार्य स्थगन के माध्यम से पंचायत चुनाव में धांधली और सरकारी मशीनरी के कथित दुरुपयोग का मामला उठाया। सपा सदस्य उदयवीर सिंह ने आरोप लगाया कि तमाम जगहों पर जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों ने भाजपा के एजेंट के तौर पर काम किया।
उन्होंने कहा कि बड़ी सख्या में सपा के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका गया और कुछ जगह मतदाताओं को उठा लिया गया। यहां तक की निर्वाचन आयोग की भूमिका पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने सारे आरोपों को तथ्यहीन व बेबुनियाद बताते हुए कहा कि चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष तरीके से हुए और कहीं भी किसी तरह की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पहली बार गुंडाराज व अपराधी तत्वों को कब्जा करने से रोका गया। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जहां भी घटनाएं हुईं, वहां शरारती तत्वों के साथ कड़ाई से निपटा गया।
भाजपा सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि कही भी हिंसा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष ढंग से हुए। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।