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ईडी ने नारद मामले में तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की

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अपडेटेड 02 सितंबर 2021, 11:02 AM IST
ईडी ने नारद मामले में तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की
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ईडी ने नारद मामले में तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की

कोलकाता, 2 सितंबर (बीएनटी न्यूज़)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक बड़े घटनाक्रम में तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, पूर्व मंत्री मदन मित्रा, पूर्व मेयर सोवन चटर्जी और आईपीएस अधिकारी एस. एम. एच. मिर्जा के खिलाफ यहां की एक सत्र अदालत में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल किया। इन सभी को 16 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए तलब किया गया है।

ईडी अधिकारियों के अनुसार, सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम और मदन मित्रा राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्य हैं, इसलिए उन्हें अध्यक्ष बिमान बनर्जी के माध्यम से सम्मन भेजा जाएगा। सोवन चटर्जी और मिर्जा को सीधे समन भेजा जाएगा।

ईडी के अधिकारियों ने यह भी कहा कि विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, तृणमूल सांसद सौगत रॉय, काकोली घोष दस्तीदार और प्रसून बनर्जी और भाजपा से तृणमूल में जा चुके नेता मुकुल रॉय जैसे अन्य प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जिनके खिलाफ जांच जारी रहेगी।

नारद घोटाला 2014 के एक स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है, जिसमें तृणमूल के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों और राजनेताओं को निशाना बनाया गया था, जिसमें कई राजनेताओं और उच्च पदस्थ अधिकारियों को कंपनियों से कथित रूप से रिश्वत लेने की एवज में उन्हें फायदा पहुंचाने की बात की गई थी।

2016 के विधानसभा चुनाव से पहले स्टिंग ऑपरेशन को सार्वजनिक किया गया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मार्च 2017 में नारद घोटाले की सीबीआई के नेतृत्व में जांच का आदेश दिया था, जबकि ईडी को भी मामले की जांच के लिए शामिल किया गया था।

तृणमूल के चार नेताओं – मुखर्जी, हाकिम, मित्रा और चटर्जी को सीबीआई ने 17 मई को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में सीबीआई मुख्यालय के बाहर छह घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया था और उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग की थी।

उनके समर्थकों ने भी सीबीआई कार्यालय स्थित परिसर का घेराव किया था।

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने चार नेताओं को अंतरिम जमानत दी, क्योंकि एजेंसी ने उनकी हिरासत का अनुरोध नहीं किया था। सीबीआई कोर्ट ने जेल में भीड़ कम करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया। विशेष अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील की थी, जिसने विशेष अदालत के आदेश को निरस्त करते हुए चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

हालांकि, बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने चारों नेताओं को नजरबंद करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने 28 मई को उन्हें अंतरिम जमानत दी थी।

इस बीच तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने ईडी पर मामले में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।

घोष ने दावा किया, “सुवेंदु अधिकारी का नाम चार्जशीट में नहीं है। केंद्र विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहा है।”

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