BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   सोमवार, 05 मई 2025 02:40 PM
  • 28.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. हरियाणा के ‘आप’ प्रभारी ने पानी के मुद्दे पर पंजाब सरकार की गलती मानी
  2. ‘राफेल से नींबू-मिर्च कब हटेगा’, अजय राय का केंद्र सरकार पर तंज
  3. केरल: सांसद प्रियंका गांधी ने वन विभाग को एंबुलेंस की सौंपी चाबियां
  4. पाकिस्तान में दहशत का माहौल, पीओके में लोगों से कहा – दो महीने का राशन जमा करके रखें
  5. पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ का यूट्यूब चैनल ब्लॉक, भारत की एक और डिजिटल स्ट्राइक
  6. राहुल गांधी के दबाव में सरकार ने जातिगत जनगणना का फैसला लिया : कांग्रेस
  7. नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल गांधी को नोटिस
  8. सीएम हेमंत ने रिटायर आईपीएस को अवैध रूप से डीजीपी के पद पर रखा है : बाबूलाल मरांडी
  9. विझिनजाम बंदरगाह का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, मंच पर दिखे थरूर, प्रधानमंत्री बोले- इस कार्यक्रम से कई लोगों की उड़ेगी नींद
  10. आईपीएल 2025 : एमआई ने ‘तीसरी सबसे बड़ी जीत’ दर्ज कर 17वीं बार बनाया ‘क्लीन स्वीप’ का रिकॉर्ड
  11. खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर जारी किया भड़काऊ बयान
  12. पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर फिर की फायरिंग, अलर्ट सेना ने दिया तगड़ा जवाब
  13. अमेरिकी रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह से की बात, आत्मरक्षा के भारत के अधिकार का किया समर्थन
  14. चुनाव आयोग की तीन नई पहल से सुगम मतदान में मिलेगी मदद
  15. पानी प्रकृति का उपहार है, इस पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण : सीएम नायब सिंह सैनी

अमेरिकी सीनेटरों ने बाइडेन प्रशासन से रूसी हथियारों की खरीद के लिए भारत के खिलाफ प्रतिबंधों को हटाने का आग्रह किया

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 28 अक्टूबर 2021, 9:02 AM IST
अमेरिकी सीनेटरों ने बाइडेन प्रशासन से रूसी हथियारों की खरीद के लिए भारत के खिलाफ प्रतिबंधों को हटाने का आग्रह किया
Read Time:6 Minute, 36 Second

अमेरिकी सीनेटरों ने बाइडेन प्रशासन से रूसी हथियारों की खरीद के लिए भारत के खिलाफ प्रतिबंधों को हटाने का आग्रह किया

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| अमेरिकी सीनेटरों और इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष मार्क वार्नर और जॉन कॉर्निन ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक पत्र भेजकर रूस से सैन्य हथियार खरीदने के लिए भारत के खिलाफ काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शन एक्ट (सीएएटीएसए) प्रतिबंधों को हटाने का आग्रह किया है।

अमेरिकी सीनेटरों ने बाइडेन को लिखे पत्र में कहा है, हालांकि, भारत से जुड़े इस मौजूदा एस-400 लेनदेन के मामले में, “हम मानते हैं कि सीएएटीएसए प्रतिबंधों के लागू होने से भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है, जबकि साथ ही, रूसी हथियारों की बिक्री को रोकने के इच्छित उद्देश्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है।”

उन्होंने लिखा, “जबकि भारत ने रूसी सैन्य उपकरणों की खरीद को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, इसका सोवियत संघ और बाद में रूस से हथियार खरीदने का एक लंबा इतिहास रहा है। 2018 में, भारत औपचारिक रूप से दो साल पहले रूस के साथ एक प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद रूसी एस-400 ट्रायम्फ एयर-डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए सहमत हुआ। हम चिंतित हैं कि इन प्रणालियों के आगामी हस्तांतरण से काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के तहत प्रतिबंध लग जाएंगे, जो रूस को उसके दुर्भावनापूर्ण व्यवहार के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए बनाया गया है।”

सत्तारूढ़ डेमोक्रेट सीनेटर वार्नर और विपक्षी रिपब्लिकन सीनेटर कॉर्निन ने आगे कहा, “इस तरह, हम आपको एस-400 ट्रायम्फ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की योजनाबद्ध खरीद के लिए भारत को सीएएटीएसए छूट देने के लिए ²ढ़ता से प्रोत्साहित करते हैं। ऐसे मामलों में जहां छूट देने से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को बढ़ावा मिलेगा, यह छूट प्राधिकरण, जैसा कि कांग्रेस द्वारा कानून में लिखा गया है, राष्ट्रपति को प्रतिबंधों को लागू करने में अतिरिक्त विवेक की अनुमति देता है।”

उन्होंने कहा, “हम इन घटती बिक्री के साथ भी रूसी उपकरणों की खरीद और निरंतर भारतीय एकीकरण के बारे में आपकी चिंताओं को साझा करते हैं। हम आपके प्रशासन को भारतीय अधिकारियों के लिए इस चिंता को मजबूत करना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और उनके साथ रूसी उपकरणों की खरीद के विकल्पों का समर्थन जारी रखने के लिए रचनात्मक रूप से जुड़े रहेंगे।”

उन्होंने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में रूसी सैन्य हार्डवेयर के अपने आयात को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 2016 से 2020 तक, पिछले पांच साल की अवधि की तुलना में भारत में रूसी हथियारों के निर्यात में 53 प्रतिशत की गिरावट आई है।

इस बीच, भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका से उपकरण खरीदने का इरादा दिखाया है, जिसकी बिक्री वित्त वर्ष 2020 में 3.4 अरब डॉलर तक पहुंच गई है। पत्र में कहा गया है कि ये सकारात्मक रुझान हैं, जो रूसी उपकरणों पर निर्भरता को कम करने के लिए भारत के प्रयास और सामरिक व्यापार प्राधिकरण-1 (एसटीए-1) भागीदार के रूप में अपनी नई स्थिति का लाभ उठाने की इच्छा दिखाते हैं।

सीनेटरों ने कहा कि हमारा मानना है कि प्रतिबंधों को माफ करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अनिवार्य है। इस समय प्रतिबंध लगाने से हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं – टीकों से लेकर रक्षा सहयोग, ऊर्जा रणनीति से लेकर प्रौद्योगिकी साझाकरण तक, भारत के साथ गहराता सहयोग पटरी से उतर सकता है।

उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसके अलावा, प्रतिबंधों में भारत के भीतर आलोचकों को प्रोत्साहित करने की क्षमता है, जिन्होंने चेतावनी दी है कि संयुक्त राज्य अमेरिका सहयोग के लिए एक सुसंगत और विश्वसनीय भागीदार नहीं होगा और इसका फायदा कहीं न कहीं रूस को ही मिलेगा।

“हम यह भी प्रस्ताव करते हैं कि आपका प्रशासन अमेरिकी प्रौद्योगिकी की सुरक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों की पहचान करने के लिए एक द्विपक्षीय कार्य समूह की स्थापना करे और अमेरिका-भारत सैन्य अंत:क्रियाशीलता को बढ़ाने के लिए रणनीति विकसित करने के लिए एक मार्ग का चार्ट तैयार करे। हमारा मानना है कि ये कार्रवाइयां एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में भारत की स्थिति को सु²ढ़ करती हैं और इंडो-पैसिफिक में पीआरसी प्रभाव का मुकाबला करने के लिए एक और अवसर प्रदान करेंगी।”

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *