इमरान के कार्यकाल में डॉलर के मुकाबले 30.5 प्रतिशत गिरा पाकिस्तानी रुपया
नई दिल्ली, 08 दिसंबर (बीएनटी न्यूज़)| पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के तहत पिछले तीन वर्षों और चार महीनों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये का मूल्य 30.5 प्रतिशत गिर गया है।
द न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि रुपये में अगस्त 2018 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 123 रुपये से दिसंबर 2021 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 177 रुपये की भारी गिरावट देखी गई, जो पिछले 40 महीनों में 30.5 प्रतिशत की गिरावट है।
यह आंकड़ा दर्शा रहा है कि यह देश के इतिहास में मुद्रा की सबसे बड़ी गिरावट में से एक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल एक बार ऐसा हुआ था, जब इससे भी अधिक गिरावट देखी गई थी। इससे पहले 1971-72 में अमेरिकी पाकिस्तान की मुद्रा 58 प्रतिशत घटकर डॉलर के मुकाबले 4.60 रुपये से 11.10 रुपये हो गई थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि पीटीआई सरकार के तहत मुद्रा की बड़े पैमाने पर गिरावट ने महंगाई को भी हवा दी है। उनका कहना है कि दो प्रमुख कारकों ने मूल्य वृद्धि में योगदान दिया है।
पहला, खाद्य और वस्तुओं की कीमतों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कीमतें आसमान छू गईं, जबकि दूसरा विनिमय दर में 30.5 प्रतिशत की गिरावट ने भी महंगाई को जन्म दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी डॉलर बनाम क्षेत्रीय मुद्राओं के विश्लेषण से पता चलता है कि पाकिस्तानी मुद्रा में अन्य की तुलना में भारी मूल्यह्रास का अनुभव हुआ।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 75.39 पर कायम है। भारतीय रुपया 2018 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 70.09 रुपये, दिसंबर 2019 में 73.66 रुपये, मार्च 2020 में 74.53 रुपये और अप्रैल 2021 में 74.57 रुपये पर था।
बांग्लादेश की बात की जाए तो बांग्लादेशी टका अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.76 पर कायम है और यह पिछले दो वर्षों में औसतन 84 से 85.9 के आसपास रहा है।
इस बीच, पाकिस्तानी रुपये के मूल्य में गिरावट का दौर जारी है और दिसंबर 2021 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इसका रुपया 177 रुपये पर है। यह पिछले तीन वर्षों और चार महीनों में एक डॉलर के मुकाबले 123 रुपये से 177 रुपये तक तेजी से गिरा है, जो कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक चिंताजनक बात है।