चीन ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए उठाएगा ये कदम
बीजिंग, 2 जनवरी (बीएनटी न्यूज़)| चीन में पिछले कुछ दशकों में हुए तेज विकास की छाप शिक्षा के क्षेत्र में भी पड़ी है। चीन सरकार ने लगातार छात्र-छात्राओं का भविष्य सुंदर बनाने के लिए प्रयास किए हैं। हाल के महीनों में बच्चों के ऊपर से पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए भी घोषणा हुई और कदम उठाए गए। हालांकि गांवों व शहरों में अंतर साफ तौर पर झलकता है। खासतौर पर प्रवासी मजदूरों के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता दिखती है।
अब इसे देखते हुए चीन सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाने के लिए अधिक उच्च क्षमता वाले पेशेवरों को आकर्षित करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए विभिन्न कदम उठाएगी। गत बुधवार को हुई राज्य परिषद की कार्यकारी बैठक में यह फैसला किया गया।
प्रधानमंत्री ली खछ्यांग के नेतृत्व वाली इस बैठक में कहा गया कि गांवों में शिक्षा का स्तर सुधारने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जाहिर है कि चीन ने जिस तरह गरीबी उन्मूलन के खिलाफ अभियान चलाया, अब उसी तरह शिक्षा की क्वालिटी बेहतर करने पर भी फोकस किया जाएगा।
इसके साथ ही बैठक में अपने प्रवासी श्रमिक माता-पिता के साथ शहरों में रहने वाले बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत कदम उठाने का निर्णय लिया गया है।
प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने पूर्व में कहा था कि उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षा संसाधनों का असमान वितरण चीन के लिए एक बड़ी चुनौती रहा है, खास तौर पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों, पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों के बीच असंतुलन। विशेषज्ञ कहते हैं कि शिक्षा में समानता एक ऐसा मामला है जो समाज में समानता और न्याय से जुड़ा है, जिसमें सभी को समान अवसर दिए जाने की जरूरत है।
यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार के लिए वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन में इजाफा किया जाएगा। यह भी माना गया है कि अनिवार्य शिक्षा में शिक्षकों का औसत वेतन उस इलाके में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों के औसत वेतन से कम नहीं होना चाहिए। जाहिर है कि चीन सरकार इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इतना ही नहीं चुनौतीपूर्ण व दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों के रहने के लिए हॉस्टल की सुविधा बेहतर करने में केंद्र की ओर से आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को शिक्षकों को रहने के लिए आवास उपलब्ध कराने को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
चीनी प्रधानमंत्री व विशेषज्ञ मानते हैं कि अनिवार्य शिक्षा में शिक्षकों को मिलने वाली सुविधाओं में हाल के वर्षों में सुधार देखा गया है। हालांकि अब भी कुछ समस्याएं मौजूद हैं, विशेष रूप से अनिवार्य शिक्षा के तहत शिक्षकों का औसत वेतन लोक सेवकों की तुलना में कम नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि चीन में 15 करोड़ ऐसे छात्र हैं, जो नौ वर्षीय अनिवार्य शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को सही ढंग से वैज्ञानिक शिक्षा प्रदान करने का कार्य चीनी शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री व चीन के अन्य नेता जोर देते रहे हैं कि अनिवार्य शिक्षा तक बच्चों की पहुंच सुनिश्चित करना सरकार का मूल कर्तव्य है।