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कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए हुई कोर ग्रुप की बैठक

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अपडेटेड 22 जनवरी 2022, 3:27 PM IST
कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए हुई कोर ग्रुप की बैठक
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कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए हुई कोर ग्रुप की बैठक

श्रीनगर, 22 जनवरी (बीएनटी न्यूज़)| जम्मू-कश्मीर में नागरिक प्रशासन, खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों के शीर्ष अधिकारियों के एक कोर ग्रुप ने शुक्रवार को श्रीनगर के बादामी बाग छावनी में घाटी में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडे और जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बैठक की सह-अध्यक्षता की। कोर ग्रुप ने 2021 के खुफिया इनपुट और सुरक्षा मानकों की समीक्षा की।

भारतीय सेना ने कहा, वर्ष 2021 में आतंकवादी घुसपैठ में कमी, आतंकवादी घटनाओं में कमी, आतंकी भर्ती में कमी, हूमिंट (एचयूएमआईएनटी) के आधार पर संचालन में वृद्धि, डैमेज कंट्रोल में कमी, कानून और व्यवस्था की स्थिति में कोई नागरिक हताहत नहीं, एसएफ हताहतों की संख्या में कमी, आतंकवादियों की गिरफ्तारी और ओजीडब्ल्यू के खिलाफ प्राथमिकी में वृद्धि देखी गई है। यह सभी खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संयुक्त अभियानों और गतिविधियों के प्रभावी संचालन की ओर इशारा करते हैं।

बयान में कहा गया है, पिछले कुछ हफ्तों में पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया गया है। सभी अग्रिम पंक्ति के सैनिकों और एजेंसियों के कर्मियों के प्रयासों की सभी उपस्थित लोगों ने सराहना की।

कोर ग्रुप ने आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं की नई रणनीतियों पर चर्चा की, जिसमें हाइब्रिड आतंकवादियों के उपयोग और सॉफ्ट टारगेट को निशाना बनाना शामिल है। 2021 में मारे गए 15 नए आतंकवादी ऐसे थे, जो सुरक्षा बलों के रडार पर नहीं थे।

सेना ने आगे कहा, एसआईए की स्थापना और एनआईए द्वारा अधिक संख्या में प्राथमिकी दर्ज करना केंद्रित खुफिया और जांच प्रयासों का प्रभाव दिखा रही है। ये प्रयास ड्रग्स, हवाला और ओजीडब्ल्यू नेटवर्क को लक्षित करने में प्रभावी रहे हैं। जानबूझकर आतंकवादियों को पनाह देने वालों पर कानूनी कार्रवाई बढ़ा दी गई है।

अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष विराम ने सीमा पर सुरक्षा स्थिति में सुधार किया है, हालांकि, पाकिस्तान में आतंकवादी लॉन्च पैड और प्रशिक्षण गतिविधियों के खुफिया इनपुट नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सतर्क रहने की आवश्यकता का संकेत देते हैं।

सेना ने कहा, नियंत्रण रेखा पर बर्फबारी में हुई देरी ने घुसपैठ के मार्गों को लंबे समय तक खुला रखा। हालांकि, प्रभावी रूप से जवानों ने पीर पंजाल के दक्षिण से लेकर समग्र रूप से घुसपैठ में कमी सुनिश्चित की है। नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ, ड्रग्स और हथियार की आपूर्ति न हो सके, इसके लिए सतर्कता बरती जा रही है।

सेना के अनुसार, अधिकारियों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रोपेंगेंडा की चुनौतियों को साझा किया। अफसोस की बात है कि इन प्रयासों में आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी नागरिकों की हत्याओं को वैध बनाने के लिए प्रचार शामिल है। गलत सूचना फैलाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग व्यापक है और एक संयुक्त प्रयास से इसका लगातार मुकाबला करने की आवश्यकता है। फर्जी खबरों को उजागर करने में तालमेल के प्रयास, अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे कट्टरपंथियों के खिलाफ प्राथमिकी और राज्य एजेंसियों द्वारा सूचनाओं को सक्रिय रूप से साझा करने के प्रयासों को उन्नत किया जा रहा है।

डीजीपी और कोर कमांडर ने बेहतर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मौजूद अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने सराहना की कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, कुछ मानक निर्धारित किए गए थे, जिन्हें क्षेत्र में शांति और समृद्धि की बहाली के लिए सफलतापूर्वक हासिल किया गया है।

डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि स्थानीय आतंकवादी भर्ती में कमी एक ऐसा मानदंड है, जिस पर सभी को निरंतर ध्यान देना चाहिए।

सैनिकों के लिए जोखिम के बावजूद संचालन में डैमेज कंट्रोल को कम करने के लिए किए गए उपायों पर एक विशेष उल्लेख किया गया।

उन्होंने स्थानीय आतंकवादियों को एक सफल जीवन जीने का दूसरा अवसर देने के लिए आत्मसमर्पण का मौका देने के लिए निरंतर प्रयास करने की सिफारिश की।

कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडे ने सभी से 2022 को एक परिवर्तनकारी वर्ष के रूप में मानने का आह्वान किया।

उन्होंने आतंकवादियों की ओर से अपने मंसूबों के लिए भीड़-भाड़ वाले और शहरी क्षेत्रों का उपयोग करने को लेकर भी आगाह किया, क्योंकि उन्हें ऐसे स्थानों से छिपने या भागने के अधिक रास्ते मिला जाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने डैमेज कंट्रोल से बचने पर भी जोर दिया।

इस दौरान उन्होंने बेहतर खुफिया-आधारित अभियानों और बेहतर सामरिक अभ्यासों द्वारा 2021 में कम सुरक्षा बलों के हताहत होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने अलगाववादी दुष्प्रचार का मुकाबला करने और कश्मीर में दीर्घकालिक शांति के लिए हिंसा के चक्र को तोड़ने के लिए नागरिक समाज के साथ निरंतर प्रयास करने का आह्वान भी किया।

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