सरकार ने वैक्सीन रिसर्च पर 250 करोड़ रुपये खर्च किए: मंडाविया
गांधीनगर, 13 फ़रवरी (बीएनटी न्यूज़)| केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 वायरस का मुकाबला करने के लिए वैक्सीन विकसित करने के लिए रिसर्च पर 250 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
मंडाविया यहां गुजरात भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय बजट 2022-23 के लाभों को समझाने के लिए श्री कमलम नामक एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, केंद्र ने कोविड के टीके विकसित करने पर काम कर रहे निजी अनुसंधान संस्थानों के साथ 250 करोड़ रुपये खर्च और साझा किए। हमने बहुत पहले कार्रवाई शुरू कर दी थी क्योंकि हम जानते थे कि टीकाकरण वैश्विक महामारी से लड़ने की कुंजी है। टीके विकसित करने के लिए, अनुसंधान की आवश्यकता थी। अप्रैल 2020 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी और निजी दोनों संस्थानों के वैज्ञानिकों को आह्वान किया और उन्हें टीके विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। केंद्र ने उन्हें वित्त पोषण के साथ समर्थन दिया।
उन्होंने कहा, इसके परिणामस्वरूप, हमारे वैज्ञानिकों ने अन्य विकसित देशों के समानांतर स्वदेशी कोरोना वैक्सीन विकसित की और राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया। हमने तेजी से निर्माण भी शुरू किया और तीसरी लहर आने से पहले, हमने आबादी के एक बड़े हिस्से का टीकाकरण किया। हमने पहली खुराक के साथ 96 प्रतिशत और दूसरी खुराक के साथ 77.5 प्रतिशत टीकाकरण हासिल किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में टीकाकरण के कारण 99.31 प्रतिशत लोगों (पहली और दूसरी खुराक) को कोविड-19 से सुरक्षित रखा गया है।
यह कहते हुए कि भारत इतनी सारी सांस्कृतिक, सामाजिक और वित्तीय विविधताओं वाला एक विशाल देश है, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, इसलिए हमने 25 वर्षों की अवधि को ध्यान में रखते हुए बजट को एक दीर्घकालिक ²ष्टि के साथ एक समावेशी और व्यापक बनाया है। यह प्रधानमंत्री का विजन है और इसलिए हम कह रहे हैं कि बजट अमृत काल के लिए है।
मंडाविया ने आगे कहा, हमने विनिर्माण के लिए आवश्यक 53 कच्चे माल की भी पहचान की, जिसके लिए हम अन्य देशों पर निर्भर थे। हम प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना लेकर आए हैं, जहां भारतीय कच्चे माल की खरीद के कारण प्रोड्यूसर्स को जो नुकसान हो रहा है, उसका 20 प्रतिशत सरकार द्वारा प्रदान किया जा रहा है। सरकार ने पिछले डेढ़ वर्षों में पीएलआई योजना पर 4 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। हम ऐसी और पीएलआई योजनाओं की योजना बना रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि सरकार एक लैंड बैंक बनाने की भी योजना बना रही है, जहां जमीन की उपलब्धता को आसान बनाने के लिए किसी भी उद्देश्य के लिए आवश्यक जमीन डैशबोर्ड पर उपलब्ध होगी।
मंडाविया ने कहा, हम डेटा स्टोरेज और विश्लेषण के लिए डेटा और एनालिटिक्स सेंटर की भी योजना बना रहे हैं। डेटा समय की जरूरत है। सरकार उन लोगों को बुनियादी ढांचा मुहैया कराएगी, जो डेटा विश्लेषण और डेटा भंडारण में शामिल हैं।
मंत्री ने एक राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकसित करने के बारे में भी बताया, जो वैज्ञानिक मूल्यांकन के आधार पर विकासशील उद्योगों के लिए 25 साल की योजना तैयार करने के लिए बनाया जाएगा।