
तृणमूल कांग्रेस की सरकार में पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था की हालत चिंताजनक : अभाविप
नई दिल्ली , 24 मार्च (बीएनटी न्यूज़)। पश्चिम बंगाल के बीरभूम में लोगों को जिंदा जला देने की घटना को भयावह करार देते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद – अभाविप ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार में राज्य में कानून व्यवस्था की हालत चिंताजनक हो गई है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, वर्तमान समय में पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था का अस्तित्व खतरे में नजर आता है। राज्य असामाजिक तत्वों का गढ़ बनता जा रहा है। ऐसी स्थिति देखकर लगता है कि वामपंथी शासन का बर्बरतापूर्ण युग एक बार फिर बंगाल की धरती पर आकर खड़ा हो गया है।
निधि त्रिपाठी ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए आगे कहा , राजनीतिक मतभेद के कारण लोगों को जिंदा जला देना, मानवता को शर्मसार करने वाला काम है। हम इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं और समाज के सभी वर्गों से भी आग्रह करते हैं कि ऐसे अनैतिक तत्वों के विरुद्ध खड़े हो।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में बच्चों एवं महिलाओं समेत 10 लोगों को जिंदा जला देने की हृदय विदारक घटना की निंदा करते हुए अभाविप ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासनकाल में कारुणिक अवस्था में पहुंच चुकी राज्य की कानून व्यवस्था का यह प्रथम उदाहरण नहीं है। पूर्व में भी, पांथिक एवं राजनीतिक आधार पर पश्चिम बंगाल के निवासियों को हिंसा का सामना करना पड़ा था। विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा जिहादी मानसिकता के तहत किए गए हिंसक कृत्यों के कारण एक बड़ी आबादी को कई इलाकों से पलायन भी करना पड़ा था।
अभाविप ने इस घटना को लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि सोमवार की शाम को बीरभूम जिले के अंतर्गत आने वाली बार्शल पंचायत के उप-प्रधान भादू शेख की हत्या के बाद, रामपुरहाट इलाके में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच हिंसा भड़क गई। जिसके बाद, भारी आगजनी की गई और इसी में 6 महिलाओं और 2 बच्चों सहित 10 लोगों की जिंदा जलकर मृत्यु हो गई।