BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   शुक्रवार, 16 मई 2025 12:28 AM
  • 38.27°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. भारत-पाकिस्तान मध्यस्थता के दावे से पलटे ट्रंप, बोले – ‘मैंने मदद की’
  2. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को मिला इजरायल का साथ, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए दी बधाई
  3. देशभर में चल रहे तुर्किए का बहिष्‍कार स्‍वागत योग्‍य : देवेन्द्र फडणवीस
  4. दरभंगा में बिना अनुमति छात्रावास में राहुल गांधी का कार्यक्रम, प्राथमिकी दर्ज
  5. पिछड़े, अति पिछड़े और दलित छात्रों से बात करने आया था, प्रशासन ने हमें रोक दिया : राहुल गांधी
  6. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र की मांग से सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने किया किनारा
  7. दोनों देशों के लिए ‘व्यापारिक समझौता’ लाभदायक होना जरूरी है, अमेरिका को लेकर जयशंकर का बयान
  8. रामगोपाल यादव ने विंग कंमाडर व्योमिका सिंह पर की विवादित टिप्पणी, जातिसूचक शब्दों का किया इस्तेमाल
  9. पाक पीएम ने उतारी प्रधानमंत्री मोदी की ‘नकल’, सैनिकों के दिखे साथ तो झूठ का हुआ पर्दाफाश
  10. दरभंगा में राहुल गांधी के काफिला को रोकने पर भड़की कांग्रेस, कहा- ‘उचित जवाब मिलेगा’
  11. राहुल गांधी समाज में अलख जगा रहे, यह भाजपा और जेडीयू को रास नहीं आ रहा : कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे
  12. ‘पाकिस्तान से बात सिर्फ आतंकवाद, पीओके पर होगी’, श्रीनगर में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
  13. जम्मू-कश्मीर मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकवादी ढेर
  14. ‘सिंधु जल संधि’ खत्म करने से तिलमिलाया पाकिस्तान, भारत को पत्र लिखकर की फैसले पर पुनर्विचार की अपील
  15. कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी: विजय शाह बोले ‘मैं शर्मिंदा हूं, दिल से माफी मांगता हूं’

संकट में फंसे पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का स्वागत

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 13 अप्रैल 2022, 11:24 AM IST
संकट में फंसे पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का स्वागत
Read Time:4 Minute, 45 Second

संकट में फंसे पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का स्वागत

इस्लामाबाद, 13 अप्रैल (बीएनटी न्यूज़)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ देश की राजनीतिक व्यवस्था में हुई उथल-पुथल और बार-बार हुए आंदोलनों के बाद सत्ता में आए हैं।

शरीफ के देश के प्रधानमंत्री बनने का जश्न राजनीतिक और आर्थिक रूप से संकट में घिरे देश में कम होता देखा जा रहा है। हालांकि उनका जगह-जगह स्वागत भी हो रहा है।

देश में तनाव पहले से ही कम होता दिख रहा है, क्योंकि नया प्रीमियर सिस्टम में को दुरुस्त करने में लग गए हैं। लेकिन देश के चेहरे पर दिख रहे राजनीतिक संकट को लेकर मौजूदा अनिश्चितता खत्म होती नहीं दिख रही है।

पीएम शरीफ के लिए दो मुख्य चुनौतियां उनके सामने हैं, प्रधानमंत्री की सीट पर उनका ‘हनीमून पीरियड’ बर्बाद करना।

पहला, राजनीतिक अस्थिरता और राजनीतिक और लोकतांत्रिक संकट पर इसका सीधा प्रभाव है। समझौते, दबाव की रणनीति और असफल राजनीतिक युद्धाभ्यास के माध्यम से सत्ता में बने रहने के लिए इमरान खान के बेताब प्रयासों के बावजूद उन्हें अभी भी देश के लोगों के बीच भारी समर्थन प्राप्त है। वह जब भी बाहर आते हैं, दबाव बनाने के लिए अपनी ताकत दिखाते हैं, ताकि शरीफ सरकार के लिए अशांति महसूस करे।

जनता का दबाव अब पूरे पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में इमरान खान द्वारा सार्वजनिक सभाओं के आयोजन और शरीफ की सरकार को सत्ता परिवर्तन के लिए एक ‘अंतर्राष्ट्रीय साजिश’ के माध्यम से सत्ता में लाई गई कठपुतली हाइब्रिड सरकार के रूप में घोषित करने के साथ पूरे जोरों पर होने वाले हैं।

शरीफ की सरकार को संसद में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, भले ही उनके कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी इमरान खान इसमें नहीं हैं।

यह अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के गठबंधन के साथ गठित सरकार का प्रबंधन है, जो न केवल इमरान खान को बाहर करने के लिए, बल्कि अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए इस गठबंधन में शामिल हुए हैं।

शरीफ के प्रधानमंत्री के रूप में खड़े होने के साथ उन्होंने प्रतिबद्धताओं का भारी भार अपने ऊपर लिया है। उन्होंने और उनके सहयोगी दलों जैसे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने छोटे दलों से गठबंधन किए हैं, जो अब उनके द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के लिए उनकी ओर देख रहे हैं।

शरीफ के लिए दूसरा सबसे मुश्किल काम देश की जर्जर, बर्बाद आर्थिक स्थिति को सुधारना है, जो किसी शाही झंझट से कम नहीं है।

इमरान खान के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार द्वारा पेट्रोलियम की कीमतों में वृद्धि नहीं करने के राजनीतिक निर्णय के साथ-साथ सुधारों की कमी ने पहले से मौजूद दीर्घकालिक, कठिन समस्याओं को जोड़ा है।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) आर्थिक दृष्टि से एक असाधारण कठिन परिस्थिति का सामना कर रहा है। आर्थिक गड़बड़ी अब उन फैसलों के समानांतर खड़ी है, जिसे यह सरकार आगे ले जाएगी।

अगर वह देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सही फैसला लेती है, तब भी उसे सड़कों, सोशल मीडिया और टेलीविजन स्क्रीन पर इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *