हिमाचल की आप इकाई को हिलाने के पीछे अनुराग ठाकुर
नई दिल्ली, 14 अप्रैल (बीएनटी न्यूज़)| आम आदमी पार्टी (आप) की हिमाचल प्रदेश इकाई की जड़ हिलाने में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की अहम भूमिका बताई जा रही है। उन्होंने राज्य में विधानसभा चुनाव होने से पहले आप की चुनावी संभावनाओं को कम करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। सूत्रों के अनुसार, वह सक्रिय रूप से विपक्षी दलों से असंतुष्ट नेताओं के निकलने की राह बनाने में जुट गए हैं।
पिछले शुक्रवार की आधी रात आप के शीर्ष राज्य नेतृत्व को पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा की उपस्थिति में भाजपा में शामिल कर ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में विस्तार करने की आप की महत्वाकांक्षी योजना को एक बड़ा झटका दिया।
8 अप्रैल की आधी रात को हिमाचल प्रदेश आप के अध्यक्ष अनूप केसरी और आप के अन्य नेता नड्डा और ठाकुर की मौजुदगी में भाजपा में शामिल हो गए।
एक दिन पहले दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने मंडी में ‘तिरंगा यात्रा’ का आयोजन कर हिमाचल प्रदेश में आप के अभियान की शुरुआत की थी।
‘मध्यरात्रि तख्तापलट’ से कुछ घंटे पहले, ठाकुर ने राष्ट्रीय राजधानी के अरुण जेटली स्टेडियम में दिल्ली पुलिस कमिश्नर इलेवन के खिलाफ नाबाद 47 रनों की शानदार पारी खेली।
केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में एमपी इलेवन मैच हार गया, लेकिन उन्होंने साल के अंत में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले केजरीवाल की आप के खिलाफ एक बड़ी राजनीतिक जीत हासिल की।
मंडी में आप की यात्रा के बाद ठाकुर और अन्य भाजपा नेता सक्रिय हो गए और 8 अप्रैल को तख्तापलट कर दिया।
शुक्रवार की शाम केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय राजधानी के अरुण जेटली स्टेडियम में एक दोस्ताना क्रिकेट मैच खेल रहे थे।
सूत्रों ने बताया कि मैच खत्म होने के बाद वह पुरस्कार वितरण समारोह से पहले स्टेडियम से चले गए, ताकि हिमाचल प्रदेश आप अध्यक्ष को भाजपा में शामिल किया जा सके।
पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि ठाकुर ने मैच शुरू होने से पहले सब कुछ ठीक कर दिया था और नड्डा के मार्गदर्शन में सुनिश्चित किया कि यह उसी दिन हो।
सोमवार को जब भाजपा प्रमुख हिमाचल प्रदेश में थे, केंद्रीय मंत्री ने हिमाचल प्रदेश आप महिला विंग की प्रमुख ममता ठाकुर और अन्य नेताओं को नई दिल्ली में भाजपा में शामिल करना सुनिश्चित करके एक और तख्तापलट किया।
हिमाचल प्रदेश नड्डा और ठाकुर दोनों का मूल राज्य है।
हिमाचल प्रदेश की आप इकाई के पूरे नेतृत्व को पार्टी में शामिल कर ठाकुर और भाजपा ने पंजाब में ऐतिहासिक जीत के बाद नए राज्य में विस्तार करने की आप के राष्ट्रीय संयोजक की योजना को बड़ा झटका दिया है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, आप के पास हिमाचल प्रदेश में अब कोई संगठन और नेतृत्व नहीं है। छह महीने के भीतर एक नया संगठन बनाना दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम होगा। आप ने अब तक अपनी सारी जमीन खो दी है।”
भाजपा के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि ठाकुर ने तख्तापलट के लिए आप कैडर में नाराज लोगों का इस्तेमाल किया है और यह उनकी राजनीतिक परिपक्वता को भी दर्शाता है।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, “ठाकुर का ध्यान केवल हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार की वापसी सुनिश्चित करने पर है और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में इसे हासिल करने की योजना को वह कार्यरूप दे रहे हैं।”