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भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रमुख को जान के खतरे का डर, शाह को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी

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अपडेटेड 21 अप्रैल 2022, 5:39 PM IST
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रमुख को जान के खतरे का डर, शाह को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी
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भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा प्रमुख को जान के खतरे का डर, शाह को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी

नई दिल्ली, 21 अप्रैल (बीएनटी न्यूज़)| उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हिंसक सांप्रदायिक झड़प के कुछ दिनों बाद भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने ‘जान को खतरे’ का हवाला देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया। शाह को 18 अप्रैल को लिखे एक पत्र में सिद्दीकी ने कहा, “जबसे मैं भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम कर रहा हूं, कट्टरपंथी मेरे दुश्मन बन गए हैं। आपके विभाग ने 26 अक्टूबर, 2021 को महाराष्ट्र सरकार और दिल्ली सरकार को एक पत्र लिखा था। पुलिस आयुक्त ने उनसे मुझे उचित सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा, लेकिन कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई।”

16 अप्रैल को जहांगीरपुरी इलाके में निकाले गए हनुमान जयंती जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी।

सिद्दीकी ने कहा कि कट्टरपंथी उन्हें खुलेआम धमकियां दे रहे हैं और उन पर भाजपा छोड़कर किसी और पार्टी के लिए काम करने का दबाव भी बना रहे हैं।

उन्होंने लिखा, “आज कट्टरपंथी मुसलमान दंगे करवाकर समाज को तोड़ना चाहते हैं। कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों द्वारा मुझ पर भाजपा छोड़ने और किसी अन्य पार्टी के लिए काम करने का बहुत दबाव डाला जा रहा है। अगर मैं ऐसा करने में विफल रहा तो मेरी जान भी जा सकती है। वे मुझे खुलेआम धमकियां दे रहे हैं।”

सिद्दीकी ने शाह से ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में काम करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया।

इससे पहले भी सिद्दीकी ने शाह और केंद्रीय गृह मंत्रालय से उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया था। उन्होंने पिछले साल 25 जून अपनी सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए गृहमंत्री को पत्र लिखा था।

कट्टरपंथियों की लगातार धमकियों के चलते उन्होंने 10 अगस्त 2021 को गृह मंत्रालय से सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया था।

उनके अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए गृह मंत्रालय ने पिछले साल महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था : “मंत्रालय ने सिद्दीकी के अनुरोध की जांच केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के परामर्श से की है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, सिद्दीकी को कोई विशेष खतरा नहीं है। हालांकि, कट्टरपंथी तत्वों से उन्हें सामान्य खतरा है, जिससे इनकार नहीं किया जा सकता।”

“महाराष्ट्र सरकार और दिल्ली पुलिस से अनुरोध किया जाता है कि स्थानीय खतरे की धारणा के आधार पर सिद्दीकी की सुरक्षा चिंता का उचित रूप समाधान करें।”

पता चला है कि महाराष्ट्र सरकार ने सिद्दीकी को सिर्फ नागपुर में ही सुरक्षा मुहैया कराई थी।

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