BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   सोमवार, 21 अप्रैल 2025 03:00 PM
  • 40.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. आईपीएल 2025 : रोहित व सूर्या की शानदार बल्लेबाजी, मुंबई ने सीएसके को नौ विकेट से हराया
  2. आईपीएल 2025 : आरसीबी से हार के बाद पोंटिंग ने कहा, हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की
  3. एनडीए से अलग होने पर पशुपति कुमार पारस बोले, ‘लोकसभा चुनाव में हमारे सांसदों का टिकट कटा, तो बहुत बुरा लगा था’
  4. भाजपा की पूरी सरकार ही प्रोपेगेंडा पर चल रही : अखिलेश यादव
  5. बिहार को ‘डबल इंजन’ नहीं, एक ही ‘पावरफुल इंजन’ की जरूरत : मल्लिकार्जुन खड़गे
  6. अदालत पर टीका-टिप्पणी ठीक नहीं, यह नहीं होना चाहिए : तेजस्वी यादव
  7. रामबन में बादल फटने से तबाही : सीएम उमर अब्दुल्ला ने जताया दुख, राहत और बचाव कार्य तेज करने के दिए निर्देश
  8. खड़गे के बिहार दौरे को आरजेडी प्रवक्ता मृत्यंजय तिवारी ने बताया ‘चुनावी रणनीति’
  9. दिल्ली सरकार का लक्ष्य टैंकर माफिया को खत्म कर हर घर तक पानी पहुंचाना है: सीएम रेखा गुप्ता
  10. आज से दिल्ली में दौड़ेंगे 1,111 जीपीएस युक्त वॉटर टैंकर, दिखाई गई हरी झंडी, दावा- पानी की बर्बादी और चोरी पर लगेगी लगाम
  11. भाजपा आज से शुरू कर रही ‘वक्फ सुधार जन जागरूकता अभियान’
  12. पश्चिम बंगाल : मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 21 अप्रैल को सुनवाई
  13. निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा के बयान से भाजपा का किनारा, कहा- ‘यह उनका व्यक्तिगत बयान’
  14. संगठन को मजबूत करेगी कांग्रेस, ‘संविधान बचाओ’ रैलियों से देश भर में शुरू होगा जन अभियान
  15. दिल्ली इमारत हादसा : राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने जताया शोक, राहत राशि की घोषणा

दिल्ली हिंसा संबंधी प्रशांत भूषण की याचिका पर तुरंत सुनवाई से अदालत का इनकार

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 29 फ़रवरी 2020, 10:06 AM IST
दिल्ली हिंसा संबंधी प्रशांत भूषण की याचिका पर तुरंत सुनवाई से अदालत का इनकार
Read Time:2 Minute, 8 Second

नई दिल्ली, (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हिंसा संबंधी अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि सबरीमला मामले पर सुनवाई के बाद इसे देखा जाएगा। भूषण चाहते थे कि कानून व्यवस्था के मामले की जांच से पुलिस को अलग किया जाए व अलग-अलग विंग हो और इस मुद्दे पर तुरंत आदेश जारी किया जाए।

भूषण ने 2006 के प्रकाश सिंह के फैसले में की गई सिफारिश की प्रकृति का भी हवाला दिया। भूषण ने अदालत के समक्ष कहा कि पहले ही 14 साल हो चुके हैं और इसे लागू नहीं किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अगुवाई वाली पीठ में न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और सूर्यकांत शामिल रहे। पीठ ने कहा, “सबरीमला (सुनवाई) पूरी होने के बाद ही सुना जाएगा।”

भूषण ने हिंसा की प्रवृत्ति का हवाला देते हुए पीठ के समक्ष कहा, “दिल्ली में जो कुछ भी हो रहा है उसे देखें। पुलिसकर्मी खुद भागीदार हैं .. वे हिंसा करने वालों के पक्ष में हैं।”

भूषण ने निष्पक्ष जांच का हवाला देते हुए पूछा कि इन पुलिसकर्मियों को कैसे जांच सौंपी जा सकती है।

उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था एक शासनात्मक कार्य है जबकि जांच आपराधिक न्याय प्रणाली का हिस्सा है।

उन्होंने याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए पीठ के समक्ष जोर दिया। पीठ ने कहा, “ठीक है। हम मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हैं, लेकिन सबरीमला के बाद।”

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *