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आईआईटी रुड़की के ‘रॉक एंड फ्लुइड मल्टी-फिजिक्स लेबोरेटरी’ से ऊर्जा संसाधनों की खोज

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अपडेटेड 04 अक्टूबर 2022, 12:14 PM IST
आईआईटी रुड़की के ‘रॉक एंड फ्लुइड मल्टी-फिजिक्स लेबोरेटरी’ से ऊर्जा संसाधनों की खोज
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आईआईटी रुड़की के ‘रॉक एंड फ्लुइड मल्टी-फिजिक्स लेबोरेटरी’ से ऊर्जा संसाधनों की खोज

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| आईआईटी रुड़की ने एक अत्याधुनिक लैब ‘रॉक एंड फ्लुइड मल्टीफिजिक्स लेबोरेटरी’ की स्थापना की है। यब लैब भूकंप संभावित क्षेत्रों का परीक्षण करेगा। इसके अलावा यह लैब सामान्य और जटिल संरचनाओं समेत हाइड्रेट्स और भूतापीय प्रणालियों में तेल और गैस भंडार के कैरेक्टराइजेशन की चुनौतियां दूर करने में सक्षम है। साथ ही कोयले, खारा जलभंडार, कोयले और ज्वालामुखी चट्टान जैसी संरचनाओं के मद्देनजर कार्बन के उपयोग और भंडारण की संभावना का अध्ययन भी कर सकता है।

इसलिए, यह लैब भू-वैज्ञानिकों और पेट्रोलियम इंजीनियरों को पृथ्वी के अंदर होने वाली भौतिक प्रक्रियाओं की अंतर्²ष्टि प्राप्त करने और संभावित अनिश्चितता को न्यूनतम रखते हुए बहुत अनुशासित निर्णय लेने में महत्वपूर्ण साबित होगा। यहां मल्टीफिजिक्स और मल्टीस्केल एक्सपेरिमेंट्स की सुविधा है। साथ ही यह लैब फिजिबलिटी मॉडल बना कर ऊर्जा कंपनियों के लिए ऊर्जा संसाधन खोज और विकास के लक्ष्यों में सफलता की दर बढ़ाएगा। इस तरह कथित कंपनियां आम और अक्षय ऊर्जा संसाधनों का लाभ लेने में अधिक सफल रहेंगी।

लैब में मौजूद लो – फ्रिक्वेंसी सिस्टम (चित्र 2) वास्तविक परिस्थिति के तहत 0.1 हट्र्ज से 3000 हट्र्ज की सीमा में भूकंप संभावित चट्टानों की प्रतिक्रियाओं का परिवर्तनशील अनुमान देने में सक्षम होगा। यह लैब हाइड्रोस्टेटिक पूवार्नुमान के तहत स्वस्थानीय जलाशय का प्रतिरूपण करता है। स्यूडो ट्राइएक्सियल सेट अप अधिक यथार्थ उप-सतह परिस्थितियों के तहत खनिज संपदा बनने में इलास्टिक और संबंधित भू यांत्रिक विशेषताओं का स्टैटिक (0 हट्र्ज) अनुमान देता है।

उप-सतहों के विभिन्न घटक और पर्यावरण के ²ष्टिकोण से जटिलता के मद्देनजर ऊर्जा संसाधन की पहचान और कैरेक्टराइज करना बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसका सामधान बहुभौतिकी प्रयासों से इन चट्टानों में मौजूद बहुमूल्य ऊर्जा संसाधनों को अनलॉक करना है जहां आईआईटी रुड़की के रॉक एंड फ्लुइड मल्टी-फिजिक्स लेबोरेटरी के प्रभारी प्रोफेसर रवि शर्मा, पीएच.डी. ने कहा, हम इस लैब में एक साथ रॉक फिजिक्स मॉडलिंग के प्रयोग करते हुए चट्टानों, तरल पदार्थों और बेंचटॉप पर एवं इन-सिटू उनके बहु-भौतिक गुणों का परीक्षण करते हैं। उप-सतह के गुणों को वापस पलटना तो बहुत चुनौतीपूर्ण है लेकिन हमारे लैब के महत्वपूर्ण फिजिबलीटी मॉडल तेल और गैस, हाइड्रेट्स और भू-तापीय संसाधनों की संभावना समझने के के सिलसिले में अनिश्चितता कम करने में जरूर मदद कर सकते हैं।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने कहा, इस तरह के अत्याधुनिक लैब उपसतह की जटिल संरचना में मौजूद ऊर्जा संसाधनों की खोज और विकास की बदलती चुनौतियां दूर करने के लिए बहुत सही हैं। यह लैब कार्बन पृथक्करण के प्रयासों को बढ़ावा देगा और संबंधित परिणामों को लैब में विकसित फिजिबलिटी मॉडलों की मदद से बेहतर समझने में भी मदद करेगा।

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने कहा, आईआईटी रुड़की का द रॉक एंड फ्लुइड मल्टी-फिजिक्स लेबोरेटरी की जगह बहुत अच्छी है। यह हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के नजदीक है और पास ही एक राष्ट्रीय तेल कंपनी का मुख्यालय है। यह लैब पेट्रोलियम इंजीनियरिंग प्रोफेशन, भूजल खोज और संसाधन के कैरेक्टराइजेशन में बड़ा योगदान देगा और ऊर्जा संसाधनों की खोज में सस्टेनेबलिटी के मानक पर मिसाल बनेगा।

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