BNT Logo | Breaking News Today Logo

Latest Hindi News

  •   सोमवार, 12 मई 2025 08:02 AM
  • 29.09°C नई दिल्ली, भारत

    Breaking News

    ख़ास खबरें
     
  1. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान के 35-40 सैनिक मारे गए : सेना
  2. पाकिस्तान को सीजफायर के लिए मजबूर करने में नौसेना की भी रही अहम भूमिका
  3. भारत के सटीक हमलों के बाद पाकिस्तान के तबाह एयर बेस के सैटेलाइट इमेज सामने आए
  4. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 100 से अधिक आतंकवादी ढेर : सेना
  5. सीजफायर के उल्लंघन के बाद सेना प्रमुख ने की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा, आर्मी को जवाबी कार्रवाई की छूट
  6. आईपीएल के फिर से शुरू होने की संभावना के मद्देनजर बीसीसीआई ने फ्रेंचाइजी को मंगलवार तक एकत्रित होने को कहा
  7. डोनाल्ड ट्रंप ने की संघर्ष विराम के लिए भारत-पाक की सराहना, कहा- साथ मिलकर कश्मीर मुद्दे का हल निकालेंगे
  8. ईरानी विदेश मंत्री अराघची की अमेरिका को दो टूक, बोले- हम अपने परमाणु अधिकार नहीं छोड़ेंगे
  9. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज को दी श्रद्धांजलि, पाकिस्तानी गोलाबारी में हुए थे शहीद
  10. आपने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ब्रह्मोस मिसाइल के पराक्रम को देखा होगा, नहीं तो पाकिस्तान से पूछ लें : सीएम योगी
  11. राहुल गांधी और खड़गे की पीएम मोदी से मांग, ऑपरेशन सिंदूर और युद्ध विराम पर चर्चा के लिए बुलाएं विशेष संसद सत्र
  12. रावलपिंडी तक सुनी गई भारत की सेनाओं की धमक, ‘आपरेशन सिंदूर’ ने दिलाया पीड़ित परिवारों को इंसाफ : राजनाथ सिंह
  13. ‘ट्रंप की मध्यस्थता’ पर कपिल सिब्बल को ऐतराज, विशेष संसद सत्र बुलाने की उठाई मांग
  14. लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का उद्घाटन, सीएम योगी बोले- आतंकवाद को पूरी तरह कुचलना ही समाधान
  15. पाक समर्थित आतंकवाद की कमर तोड़ने में कामयाब रहा ‘ऑपरेशन सिंदूर’, कई हाई प्रोफाइल आतंकी हुए ढेर

पति को ‘व्यभिचारी’, ‘शराबी’ कहकर बदनाम करना ‘क्रूरता’ का सबूत : बॉम्बे हाईकोर्ट

bntonline.in Feedback
अपडेटेड 26 अक्टूबर 2022, 11:13 AM IST
पति को ‘व्यभिचारी’, ‘शराबी’ कहकर बदनाम करना ‘क्रूरता’ का सबूत : बॉम्बे हाईकोर्ट
Read Time:3 Minute, 23 Second

पति को ‘व्यभिचारी’, ‘शराबी’ कहकर बदनाम करना ‘क्रूरता’ का सबूत : बॉम्बे हाईकोर्ट

मुंबई, 26 अक्टूबर (बीएनटी न्यूज़)| बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि आरोपों को साबित किए बिना एक पति को ‘व्यभिचारी’, ‘शराबी’ कहकर बदनाम करना ‘क्रूरता’ के बराबर है। न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने दंपति के तलाक के पुणे परिवार अदालत के नवंबर 2005 के आदेश को भी बरकरार रखा।

50 वर्षीय महिला के सेवानिवृत्त आर्मी मेजर पति की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी, जिसके बाद उनके कानूनी वारिसों को मामले में पक्षकार बनाया गया।

महिला ने दावा किया कि उसका दिवंगत पति एक ‘व्यभिचारी’ और ‘शराबी’ था और इन दोषों के कारण वह अपने वैवाहिक अधिकारों से वंचित थी।

पति के वकील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने पति के खिलाफ इस तरह के झूठे और मानहानिकारक आरोप लगाकर उन्हें मानसिक पीड़ा पहुंचाई। महिला का पति सेवानिवृत्त एक सामाजिक संस्था से जुड़ गया था और सामाजिक कार्य कर रहा था।

खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि महिला ने अपने पति के चरित्र के खिलाफ अनुचित और झूठे आरोप लगाए, जिस कारण समाज में उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है और यह ‘क्रूरता’ है।

अपने पति के खिलाफ बयानों के अलावा, महिला अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं कर सकी। इस मामले में उसकी अपनी बहन भी शामिल थी।

खंडपीठ ने पारिवारिक अदालत में पति के बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी ने उन्हें अपने बच्चों और पोते-पोतियों से अलग कर दिया था और उसके लगाए अनुचित, झूठे और निराधार आरोपों के कारण समाज में उसकी प्रतिष्ठा खराब हुई।

अदालत ने कहा कि ‘क्रूरता’ को मोटे तौर पर एक ऐसे आचरण के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो दूसरे पक्ष को इस तरह के मानसिक दर्द और पीड़ा देता है कि उनके लिए एक-दूसरे के साथ रहना असंभव हो जाता है, और यह तलाक देने के लिए एक उपयुक्त मामला था।

पूर्व सैन्य अधिकारी ने अपनी पत्नी द्वारा दी गई मानसिक पीड़ा के आधार पर तलाक की मांग करते हुए पुणे की परिवार अदालत का रुख किया था। उस अदालत ने 2005 में तलाक को मंजूरी दे दी थी, लेकिन महिला ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *