
BNT की खास रिपोर्ट:
जिन लोगों के कंधे पर इस देश को चलाने की जिम्मेदारी है वे लोग इस देश को दोनों हाथों से लूट रहे है!
नेतागिरि एक धंधा है जिसमें मुनाफा ही मुनाफा है। को खबर मिली है कि चौटाला परिवार के खिलाफ सीबीआई की जाँच जारी है। जाँच के दायरे मे चार देश व सात राज्य है। जहाॅ पर चौटाला परिवार ने सौ से ज्यादा सम्पतियाॅं खरीद रखी है, जिनमे दुकाने, होलिडे होम, फलैट्स पेट्रोल पम्प इत्यादि शामिल है। सीबीआई ने लगभग 3.5 साल मे अपने पहले चरण की जांच पूरी कर ली है और अब वो ओमप्रकाश चौटाला व उसके दोनों बेटों अजय एवम अभय चौटाला के खिलाफ मुकद्मा चलाने की तैयारी कर रही है जिसमे सबसे बडा चार्ज आय से अधिक सम्पति एकत्रित करना है। चुनावों में चैटाला परिवार की हार का कारण यह भी रहा। दस अन्य लोगो के खिलाफ भी इस मामले मे आपराधिक षड्यन्त्र का मामला दर्ज किया जा रहा है।
जून 2006 मे सीबीआई ने इस बात का भन्डाफोड किया था कि उसने रु 1,460 करोड की चौटाला परिवार की सम्पत्ति का पता लगाया है। ये कीमत उनकी रजिस्ट्री के आधार पर आकी गयी थी। एक अनुमान के अनुसार इन सम्पत्तियो की कीमत पाॅच गुना होगी यानि रु 7,000 करोड से भी ज्यादा। ओमप्रकाश चौटाला से जब इस बावत सम्पर्क किया गया तो उन्होने कहा कि यह एक राजनैतिक साजिश है और सीबीआई की रिपोर्ट आने पर जो जरुरी होगा वो करेगे ।
अजय चौटाला इस समय राज्य सभा के सदस्य है और अभय चौटाला इन्डियन बाॅक्सिग पफेडरेशन के प्रेसिडेन्ट एवम पूर्व विधायक है। सीबीआई ने अमेरिका, यूके, अमीरात एवम कुछ यूरोपियन देशो से चौटाला की सम्पत्तियो के बारे मे जानकारी मांगी है।
जांच मे चौटाला परिवार एवम कुछ प्राॅपर्टी डीलर्स एवम बिल्डर्स की साॅठ गाॅठ भी सामने आई है। सीबीआई ने चौटाला परिवार के खिलापफ भूपिन्दर सिह हुडा की रिक्मेन्डेशन पर एफ आई आर दर्ज कर 2006 मे जाॅच शुरु की।
सीबीआई ये सारी जानकारी आयकर विभाग को भी उपलब्ध करा रही है जिससे वो भी कानून के हिसाब से टैक्स चोरी के मामले मे चौटाला परिवार पर कार्यवाही करे। सूत्रो ने बताया कि सीबीआई चौटाला परिवार की उन सम्पत्तियों के अटैचमेन्ट या गवर्मेन्ट टेकओवर की भी सिफारिश करेगी।
कुछ समय पहले उडीसा के एजुकेशन मिनिस्टर पर आरोप लगा था कि सेकेन्डरी बोर्ड के अफसरो ने उनके बेटे को एग्जाम मे पास करने के लिए 124 नम्बर दिये।
तत्कालीन सेन्ट्रल शिपिन्ग मिनिस्टर टी आर बालू ने भी अपने पद का दुरुपयोग किया। कहा गया कि प्राइम मिनिस्टर के ऑफिस ने उनके परिवार की कम्पनियो को गैस देने के लिए पेट्रोलियम मिनिस्ट्री को आठ पत्र लिखे।
उधर झारखन्ड मे खदानो के ट्रान्सपफर के मामले मे यूनियन मिनिस्टर सुबोध कान्त सहाय का नाम उछला। उडीसा मे हैल्थ सिस्टम डेवेल्पमेन्ट प्रोजेक्ट की रिव्यू रिपोर्ट मे वर्ल्ड बैक ने कहा कि एक कम्पनी का पक्ष लेने के लिये मिनिस्टर और अफसरों ने पैसे लिये।
झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा की कारगुजारियां सबके सामने हैं।
करप्ट लोगो पर शिकन्जा कसना आसान नही है। जांच और कार्यवाही का रास्ता रोक दिया गया है। सुधार की इच्छा मर चुकी है। करप्ट पब्लिक सर्वेट कि प्राॅपर्टी जब्त करने का प्रस्ताव मंत्रियों के समूह ने हाल ही में नामन्जूर कर दिया है। यह तय किया गया है कि करप्शन की जायजाद को कब्जे मे लेने की कानूनी कार्यवाही करने से पहले सरकारी इजाजत लेनी होगी।
अभी हाल ही मे छत्तीसगढ के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश के 125 अधिकारियो व कर्मचारियो की आर्थिक अपराध ब्यूरो के यहां जांच चल रही है जिस पर कार्यवाही करने के लिये राज्य सरकार उन पर कार्यवाही करना तो दूर उन्हे पद्दोन्त कर मलाईदार पदों पर नियुक्त कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्णय दिये है कि ऐसे आपराधिक कार्यकलापों के लिये विभागीय अनुमति की जरुरत नहीं है। फिर भी विभिन्न कारणो से इन्हे बचने की पूरी मोहलत दी जाती है । करप्ट राजनेताओं के खिलाफ ये पहला मामला नही है। इससे पहले भी सीबीआई कई राजनेताओ के खिलाफ मुकद्मे दर्ज कर चुकी है लेकिन जांच व न्यायिक प्रक्रिया इतनी लम्बी है कि वो मुकद्मे अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुचे।
1- कारगिल ताबूत घोटाले, कारगिल उपकर दुरूपयोग घोटाला।
2- दूरसंचार प्रमोद महाजन – घोटाले (रिलायंस)
3-अरुण शौरी निजी खिलाड़ियों को बेलआउट पैकेज यूटीआई घोटाले
4- साइबर स्पेस इन्फोसिस लिमिटेड घोटाले
5- पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी आवंटन घोटाले
6- जूदेव घोटाले सेंटूर होटल में डील
7- दिल्ली भूमि आवंटन घोटाले
8- हुडको घोटाले राजस्थान में Landscams (राज)
9- बेल्लारी खनन और रेड्डी ब्रदर्स घोटाले
10- मध्य प्रदेश में कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट घोटाले
11- कर्नाटक में भूमि आवंटन (येदियुरप्पा)
13-,पंजाब रिश्वत मामले
14- उत्तराखंड पनबिजली घोटाले- छत्तीसगढ़ खानों में भूमि घोटाले
15- पुणे भूमि घोटाले (भाजपा नेता नितिन गडकरी शामिल)
16- उत्तराखंड में गैस आधारित पावर प्लांट घोटाले
17- फर्जी पायलट घोटाले सुधांशु मित्तल और विजय कुमार मल्होत्रा
18- अरुण शौरी द्वारा वीएसएनएल विनिवेश घोटाला
19-अरविंद पार्क लखनऊ घोटाले
20- आईटी दिल्ली प्लॉट आबंटन घोटाले
21- चिकित्सा प्रोक्योर्मेंट घोटाले – सी पी ठाकुर
22- बाल्को विनिवेश घोटाले जैन हवाला मामले लालकृष्ण आडवाणी
क्या राजनेताओ के भ्रष्टाचार को कानून के दाएरे मे लाये बिना, लूट का माल जब्त किए बिना व समयबद्ध सजा दिये बिना, कभी देश का उत्थान हो पाएगा ? देश मे राम राज्य स्थापित हो पाएगा ? जरा सोचिए, फैसला आप खुद कीजिये!