आजादी से पहले देश में 500 से ज्यादा रियासतें थी और उनके राजसी ठाठ-बाट का एक अभिन्न अंग थी उस दौर की विंटेज कारें। इन्हीं विंटेज कारों की एक रैली 17 ऐतिहासिक शहरों में पहुंचेगी और आपको देश के राजसी ठाठ-बाट के करीब ले जाएगी। ‘21 गन सैल्यूट हेरिटेज एंड कल्चरण ट्रस्ट’ की यह ‘अतुल्य भारत रैली’ 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी। गुड़गांव, आगरा, सवाई माधोपुर, जयपुर, गजनेर, जैसलमेर, खिमसर, जोधपुर, माउंट आबू, कच्छ का रण, मांडवी, राजकोट, गिर, भावनगर, वडोदरा, डूंगरपुर और अन्य विरासत स्थलों से होते हुए यह रैली 10 मार्च को होली के दिन उदयपुर में समाप्त होगी। ट्रस्ट के चेयरमैन और प्रबंध न्यासी मदन मोहन ने बताया कि 17 फरवरी को रैली के रवाना होने से पहले 15 फरवरी को इंडिया गेट पर विंटेज कारों का एक मेगा शो ‘कॉनकॉर्स डा एलिगेंस’ भी होगा। उन्होंने कहा कि अतुल्य भारत रैली का आयोजन पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। रेमंड समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया की पांच विंटेज कारें इस रैली में शामिल हो रही हैं जिसमें 1903 की कैडिलैक और 1936 की रॉल्स रॉयस शामिल हैं। उनकी 1903 की कैडिलैक रैली में शामिल होने वाली सबसे पुरानी कार है। वहीं पूनावाला समूह के योहान पूनावाला की दो रॉल्स रॉयस समेत पांच विंटेज कारें और टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा के भाई जिमी टाटा की विंटेज कार इस रैली में शामिल हो रही है। मदन मोहन ने बताया कि रैली में कुल 150 विंटेज कारें होंगी जिसमें 15 विंटेज कारें विदेशों की हैं। रैली में शामिल होने वाले विभिन्न प्रतिभागी 17 जगहों पर रुकेंगे जहां वह राजघराने के मेहमान होंगे और उनके राजमहलों में ही ठहरेंगे। रैली में तीन बहुत दुर्लभ विंटेज 1911 की नैपियर, 1928 की गार्डनर और 1958 की एमजी एमजीए भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी।