
बीएनटी न्यूज़
बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने बुधवार को कहा कि राज्य में कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) की ओर से आपूर्ति किए जाने वाले पॉपुलर नंदिनी दूध की कीमत बढ़ाई जाएगी।
पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश ने सदन में कहा, “हम निश्चित रूप से दूध की कीमत बढ़ाएंगे। कितनी कीमत बढ़ाई जाए, इस पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की जाएगी।”
मंत्री वेंकटेश ने बुधवार को विधान परिषद में प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान यह बयान दिया। कांग्रेस एमएलसी और पूर्व मंत्री बी. उमाश्री तथा भाजपा एमएलसी एमजी मुले ने इस संबंध में सवाल उठाया था।
मंत्री वेंकटेश ने बताया कि सरकार पर दूध उत्पादकों का 656.07 करोड़ रुपये का सब्सिडी बकाया है। 9.04 लाख लाभार्थियों को बकाया राशि का भुगतान किया जाना है।
उन्होंने कहा, “हमने वित्त विभाग से लंबित धनराशि जारी करने के लिए कहा है। वित्त विभाग द्वारा धनराशि जारी करने के बाद, लंबित राशि लाभार्थियों को जारी कर दी जाएगी। हम इसे जल्द ही करेंगे। किसान दूध की कीमत में 10 रुपये की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। हम निश्चित रूप से दूध की कीमतें बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री के साथ चर्चा के बाद बढ़ोतरी की मात्रा तय की जाएगी।”
इससे पहले, केएमएफ के सूत्रों ने बताया कि उसके दबाव के बावजूद राज्य सरकार ने अभी तक दूध की कीमत 5 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ अंतिम दौर की चर्चा में है क्योंकि केएमएफ बढ़ोतरी की पुरजोर वकालत कर रहा है।
हालांकि, सरकार इस मुद्दे पर संभावित प्रतिक्रिया की आशंका के चलते सावधानी से आगे बढ़ रही है।
पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश ने दूध की कीमतें बढ़ाने की आवश्यकता पर चर्चा करने के लिए केएमएफ अधिकारियों के साथ बैठक की। फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने तर्क दिया कि डेयरी फार्मिंग में बढ़ती लागत के कारण मूल्य वृद्धि अपरिहार्य हो गई है।
किसान संगठनों और दुग्ध महासंघों (मिल्क फेडरेशन) ने बार-बार 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की मांग की है।
10 फरवरी को कर्नाटक राज्य रैयत संघ और ग्रीन ब्रिगेड ने बेंगलुरु में केएमएफ कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और दूध खरीद मूल्य को कम से कम 50 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने की मांग की।
उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू होने तक 10 रुपये प्रति लीटर का अंतरिम समर्थन मूल्य देने की भी मांग की थी।