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पिछले 4 वर्षों में 2.2 करोड़ से ज्यादा महिला-स्वामित्व वाले एमएसएमई हुए रजिस्टर्ड : केंद्रीय मंत्री

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अपडेटेड 13 दिसंबर 2024, 3:23 PM IST
पिछले 4 वर्षों में 2.2 करोड़ से ज्यादा महिला-स्वामित्व वाले एमएसएमई हुए रजिस्टर्ड : केंद्रीय मंत्री
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बीएनटी न्यूज़

नई दिल्ली। लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, देश में 1 जुलाई, 2020 से 30 नवंबर, 2024 के बीच उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल (यूआरपी) और उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म (यूएपी) पर 2.21 करोड़ महिला-स्वामित्व वाले एमएसएमई रजिस्टर्ड हुए हैं।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने एक लिखित उत्तर में कहा कि सरकार ने देश में एमएसएमई में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं।

इनमें महिला-स्वामित्व वाले एमएसएमई के रजिस्ट्रेशन के लिए विशेष अभियान शामिल हैं। सरकार ने महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए 2018 में सार्वजनिक खरीद नीति में भी संशोधन किया।

नई नीति के तहत केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों/और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए अपनी वार्षिक खरीद का कम से कम 3 प्रतिशत महिला उद्यमियों से खरीदना अनिवार्य है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए ऋण गारंटी योजना के तहत महिला उद्यमियों को सहायता देने के लिए वार्षिक गारंटी शुल्क में 10 प्रतिशत की छूट दी जाती है; अन्य उद्यमियों के लिए 75 प्रतिशत की तुलना में महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसई को 90 प्रतिशत गारंटी कवरेज दी जाती है।

केंद्रीय मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि एमएसएमई मंत्रालय प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को भी क्रियान्वित करता है, जो एक प्रमुख ऋण-लिंक्ड सब्सिडी कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और ग्रामीण/शहरी बेरोजगार युवाओं की मदद कर गैर-कृषि क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है।

योजना के तहत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों के लिए सब्सिडी दर शहरी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 प्रतिशत है।

एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यक, महिलाएं, भूतपूर्व सैनिक, शारीरिक रूप से विकलांग और एनईआर, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों सहित विशेष श्रेणी के लाभार्थियों के लिए शहरी क्षेत्रों में सब्सिडी 25 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 35 प्रतिशत है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया, इसके अलावा, खरीद और मार्केटिंग सहायता योजना के तहत व्यापार मेलों में महिला उद्यमियों की भागीदारी को 100 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, जबकि अन्य उद्यमियों के लिए यह 80 प्रतिशत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए, एमएसएमई मंत्रालय कॉयर विकास योजना के तहत ‘कौशल उन्नयन और महिला कॉयर योजना’ को लागू करता है, जो कॉयर क्षेत्र में लगी महिला कारीगरों के कौशल विकास के उद्देश्य से एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम है।”

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