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वित्त वर्ष 2025 में मोबाइल फोन निर्यात 1,80,000 करोड़ रुपये के होगा पार, पीएलआई योजना का दिखेगा असर

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अपडेटेड 19 फ़रवरी 2025, 10:16 PM IST
वित्त वर्ष 2025 में मोबाइल फोन निर्यात 1,80,000 करोड़ रुपये के होगा पार, पीएलआई योजना का दिखेगा असर
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बीएनटी न्यूज़

नई दिल्ली। औद्योगिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में मोबाइल फोन निर्यात से भारत 1,80,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर पाएगा। जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष (अप्रैल-जनवरी) के 10 महीनों में भारत, मोबाइल निर्यात में 1,50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसमें अकेले जनवरी में निर्यात 25,000 करोड़ रुपये से अधिक दर्ज हुआ है।

वित्त वर्ष 2020-21 में पीएलआई योजना की शुरुआत के बाद से 680 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का अनुमान है।

इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में मोबाइल फोन निर्यात सबसे बड़ा ग्रोथ ड्राइवर है, जिसमें भारत के स्मार्टफोन के लिए एक प्रमुख बाजार के रूप में अमेरिका का नाम सामने आया है।

यह शानदार प्रदर्शन उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के प्रभाव को दर्शाता है, जिसने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण परिदृश्य को फिर से परिभाषित किया है।

पीएलआई योजना के शुभारंभ के बाद से, भारत में मोबाइल फोन का उत्पादन 2,20,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,22,000 करोड़ रुपये तक लगभग दोगुना हो गया है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।

वित्त वर्ष 2024-25 में उत्पादन अनुमानित 5,10,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने वाला है, जो वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति के रूप में भारत के उभरने को और मजबूत करेगा।

आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने कहा, “हम मजबूत सरकारी समर्थन और हमारे उद्योग की मजबूत क्षमता से प्रेरित होकर पर्याप्त पैमाने पर पहुंच गए हैं। आगे बढ़ते हुए, हम कॉम्पटीशन को बढ़ावा देने, पैमाने का विस्तार करने और अपनी सप्लाई चेन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”

उन्होंने कहा कि अगले चरण में डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन को बढ़ावा देने के लिए वैल्यू चेन के साथ इंटीग्रेशन शामिल होगा, जो हमें भारत के महत्वाकांक्षी 500 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण लक्ष्य को प्राप्त करने और वैश्विक स्तर पर स्मार्टफोन का सबसे बड़ा निर्यातक बनने के हमारे दृष्टिकोण की ओर ले जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि यह उपलब्धि एक सक्रिय सरकार और एक ऐसे उद्योग के बीच तालमेलपूर्ण साझेदारी का परिणाम है, जिसने वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी स्मार्टफोन का उत्पादन कर लगातार अपनी योग्यता साबित की है।

स्मार्टफोन अब इतिहास में पहली बार भारत की शीर्ष निर्यात वस्तु बनने के लिए तैयार हैं – हमारी स्वतंत्र विनिर्माण क्षमताओं में अभूतपूर्व बदलाव का प्रमाण।

मोहिंद्रू ने कहा, “हम आत्मसंतुष्ट होने का जोखिम नहीं उठा सकते, हमारी यात्रा अभी शुरू ही हुई है। अभी भी अपार अवसरों का लाभ लिया जाना बाकी है और तेजी से विकसित हो रहे भू-राजनीतिक परिदृश्य के साथ हमारे अवसरों की विंडो छोटी है। हमें निर्णायक कदम उठाने होंगे।”

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