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केंद्र ने इस साल 25 मार्च तक किसानों से एमएसपी पर खरीदा 99.41 लाख बेल कपास

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अपडेटेड 01 अप्रैल 2025, 4:37 PM IST
केंद्र ने इस साल 25 मार्च तक किसानों से एमएसपी पर खरीदा 99.41 लाख बेल कपास
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बीएनटी न्यूज़

नई दिल्ली। केंद्र ने इस साल 25 मार्च तक सीधे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 99.41 लाख बेल कपास खरीदा है, जो बाजार में कुल 260.11 लाख बेल की आवक का हिस्सा है। यह जानकारी मंगलवार को संसद में दी गई।

इसी तरह, सरकार ने 2023-24 में सीजन के दौरान किसानों से कपास खरीदने के लिए एमएसपी संचालन के तहत 11,712 करोड़ रुपये खर्च किए।

कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने राज्यसभा को एक लिखित जवाब में बताया कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने किसानों का समर्थन किया और एमएसपी संचालन के तहत 32.84 लाख बेल कपास की खरीद की, जिससे सभी कपास उत्पादक राज्यों में लगभग 7.25 लाख किसानों को लाभ हुआ।

कपड़ा राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ‘कपास किसानों’ को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए एमएसपी प्रदान करती है और फेयर एवरेज क्वालिटी (एफएक्यू) कपास की कीमतें एमएसपी से नीचे गिरने की किसी भी स्थिति में उन्हें संकटपूर्ण बिक्री से बचाती हैं।

सरकार की खरीद से कीमतों को एमएसपी स्तर से नीचे गिरने से रोका जाता है। कपड़ा राज्य मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, भारतीय वस्त्रों की ग्लोबल ब्रांडिंग के लिए, सरकार ने प्रीमियम गुणवत्ता वाले भारतीय कपास को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए कस्तूरी कपास को भारत के ब्रांड ट्रेडमार्क के रूप में रजिस्टर किया है।

कपास किसानों को समर्थन भारत के कपड़ा निर्यात के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों को सूचीबद्ध करते हुए कपड़ा राज्य मंत्री ने कहा कि इस साल फरवरी में कपड़ा मंत्रालय से समर्थित टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईपीसी) ने ग्लोबल मेगा टेक्सटाइल इवेंट भारत टेक्स 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया था। इस इवेंट में कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पादों तक की पूरी वैल्यू चेन को शामिल करते हुए एक प्रमुख टेक्सटाइल्स मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भारत की क्षमता को प्रदर्शित किया गया था।

वैश्विक बाजारों में भारतीय वस्त्रों को लोकप्रिय बनाने और भारतीय वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए, सरकार विभिन्न पहलों को भी लागू कर रही है। पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्र) पार्क योजना एक मॉडर्न, इंटीग्रेटेड और वर्ल्ड-क्लास टेक्सटाइल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का प्रयास करती है।

इसी तरह उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना मैन-मेड फाइबर फैब्रिक, एमएमएफ अपैरेल और टेक्निकल टेक्सटाइल पर ध्यान केंद्रित कर बड़े लेवल पर मैन्युफैक्चरिंग और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है। नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन रिसर्च, इनोवेशन और डेवलपमेंट, प्रमोशन और मार्केट डेवलपमेंट पर ध्यान देता है।

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