नई दिल्ली, (आईएएनएस)| कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि पूसा विज्ञान विज्ञान मेला की तर्ज पर देश के आठ भौगोलिक क्षेत्र में विशाल सम्मेलन का आयोजन करने पर विचार किया जाएगा ताकि राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अनुसंधानों से देश के किसान लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पेस्टीसाइट को कृषि पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का निर्देश दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह बात यहां पूूसा कृषि विज्ञान मेला-2020 के उद्घाटन के मौके पर कही।
उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी उद्यम बनाने की जरूरत है ताकि देश की देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि की हिस्सेदारी बढ़े। उन्होंने कहा कि इसके लिए आईसीएआर के सेवानिवृत्त वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों का अनुभवों का उपयोग किया जाएगा ताकि किसान उनके अनुभवों से लाभान्वित हों और वे किसान बनकर इस क्षेत्र के विकास में भागीदार बनें।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्हें फसलों की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया है।
तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए इसके बजट में इजाफा किया है और 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्र्थी किसानों को सालाना 6,000 रुपये उनके बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित किया जा रहा है और इस योजना का लाभ देश के 8.52 करोड़ किसानों को मिलने लगा है।
वहीं, पीएम-किसान के सभी लाभार्थियों को सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सुविधा देने का फैसला लिया है।
तोमर ने कहा कि देश में छोटे जोत के किसान ज्यादा हैं लिहाजा सरकार ने उन्हें उनके उत्पादों को उचित मूल्य दिलाने के मकसद से बीज से लेकर बाजार तक उनकी भागीदारी बढ़ाने के मकसद से देश में 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने फैसला लिया है जिसकी शुरुआत एक दिन पहले प्रधानमंत्री ने चित्रकूट से की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एफपीओ को 15 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी जिसके लिए बजट में 6,600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नाबार्ड और एनसीडीसी द्वारा 1,500 करोड़ रुपये का क्रेडिट गारंटी फंड बनाया गया है।
तोमर ने कहा कि किसान एफपीओ के माध्यम से अपने उत्पादों की पैकेजिंग और प्रोसेसिंग और विपणन करेंगे जिससे उन्हें उनकी पैदावार का उचित दाम मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि एफपीओ के माध्यम से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा।
पूूसा कृषि विज्ञान मेला-2020 के उद्घाटन समारोह को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने भी संबोधित किया।