
बीएनटी न्यूज़
नई दिल्ली। डेलॉइट इंडिया ने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स, ऑटो और पर्यटन जैसे क्षेत्र एफडीआई के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। साथ ही ये क्षेत्र रोजगार, निर्यात और इनोवेशन के इंजन भी हैं, जो भारत के विकास की अगली लहर को आगे बढ़ा रहे हैं।
डेलॉइट इंडिया के अनुसार, भारत ने बीमा, बीमा मध्यस्थों, पर्यटन निर्माण, अस्पतालों और चिकित्सा उपकरणों जैसे प्रमुख क्षेत्रों सहित अधिकांश क्षेत्रों में स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देकर एक महत्वपूर्ण प्रगति की है।
भारत की उदारीकृत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति वैश्विक निवेशकों के लिए स्थिरता और पूर्वानुमान आधारित निवेश के अवसर प्रदान करती है।
डेलॉइट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा, “यह कदम न केवल खुलेपन बल्कि स्थिरता का संकेत देता है, जो वैश्विक निवेशकों को भारत की विशाल और बढ़ती अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने के लिए पूर्वानुमानित, क्षेत्र विशिष्ट अवसर प्रदान करता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि 70 अरब अमेरिकी डॉलर की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन और 100 से अधिक शहरों में औद्योगिक गलियारों के विकास के जरिए भारत वैश्विक निवेशकों को निवेश के लिए तैयार क्षेत्रों की पेशकश कर रहा है।
मजूमदार ने कहा कि पर्यटन जीडीपी में 199.6 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का योगदान देता है और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में अब होटल और मनोरंजन सुविधाओं के निर्माण में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इससे पारदर्शी और स्थिर निवेश के रूप में भारत की छवि और निखरेगी।
उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने और एफडीआई उदारीकरण से लॉजिस्टिक्स, रियल एस्टेट और शहरी विकास में अभूतपूर्व अवसर पैदा हो रहे हैं।
कुल मिलाकर, अप्रैल-दिसंबर 2024-25 के दौरान देश में एफडीआई प्रवाह 27 प्रतिशत बढ़कर 40.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 की इसी अवधि में यह 32 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भारत कई देशों के साथ व्यापार समझौतों के माध्यम से वैश्विक वाणिज्य में अपनी भूमिका को मजबूत कर रहा है।