
बीएनटी न्यूज़
मुंबई। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि भारतीय शेयरों में जल्द ही सुधार देखने को मिल सकता है, लेकिन इसके लिए वैश्विक कारक अहम होंगे।
मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने अपने लेटेस्ट नोट में कहा कि हालांकि निचले स्तर को छूना मुश्किल है, लेकिन “हमें लगता है कि भारतीय इक्विटी खरीदना फायदेमंद साबित हो सकता है।”
ब्रोकरेज ने कहा कि भारत पिछले कुछ महीनों के अपने धीमे विकास के दौर से बाहर आ रहा है, साथ ही ग्लोबल न्यूज भी बेहतर हुई हैं।
कोविड-19 के निचले स्तर के बाद से शेयर अब पहले से सस्ते हैं।
बेंचमार्क एनएसई निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स पिछले पीक से क्रमशः 13.3 प्रतिशत और 11.7 प्रतिशत गिरे हैं।
इस प्रमुख वित्तीय संस्थान के अनुसार, केंद्रीय बजट विकास के लिए अच्छा है, जिसमें पूंजीगत व्यय में वृद्धि और सब्सिडी व्यय में कमी है।
भारतीय रिजर्व बैंक की ब्याज दरों में कटौती और लिक्विडिटी कमिटमेंट भी वृद्धि को बढ़ावा देगी।
नोट में कहा गया है कि भारत द्वारा शुरू किए गए कर सुधारों से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
कच्चे तेल की कीमतें कम हुई हैं और युद्धों के खत्म होने की संभावना के साथ भू-राजनीति बेहतर होती दिख रही है।
नोट के अनुसार, “डॉलर में सुधार हुआ है और भारत की वास्तविक प्रभावी विनिमय दर में गिरावट आई है।”
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि भारत को आने वाले महीनों में उभरते बाजारों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह “वैश्विक संकेतों के अधीन है, जो नकारात्मक रूप से आश्चर्यजनक नहीं है।”
व्यापार की शर्तों में सुधार के साथ मजबूत मैक्रो स्थिरता, अगले तीन से पांच वर्षों में सालाना मध्यम से उच्च आय वृद्धि और घरेलू जोखिम पूंजी का एक विश्वसनीय स्रोत वृद्धि के लिए प्रमुख बुनियादी तत्व हैं।
पिछले सप्ताह वैश्विक ब्रोकरेज की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिका द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ हाइक का प्रत्यक्ष प्रभाव संभवतः प्रबंधनीय होगा, लेकिन, अनिश्चितता के माध्यम से ‘व्यापार विश्वास’ पर पड़ने वाला अप्रत्यक्ष प्रभाव अधिक चिंताजनक है।
हालांकि, घरेलू नीति वृद्धि के लिए सहायक बनी रहेगी और अगर नकारात्मक जोखिम सामने आते हैं, तो क्रमिक रूप से अधिक उपाय किए जाएंगे।