
सीबीआई ने 6833 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में यूपी में 9 जगहों की तलाशी ली
नई दिल्ली, 8 अगस्त (बीएनटी न्यूज़)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को कानपुर स्थित लक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड और उसके निदेशकों से जुड़े 6,833 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में उत्तर प्रदेश में नौ स्थानों पर तलाशी ली। धोखाधड़ी की यह रकम भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़े पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले से भी ज्यादा है।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि एजेंसी ने 10 कंसोर्टियम सदस्य बैंकों की ओर से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था।
एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि सीबीआई ने लक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड के निदेशकों माता प्रसाद अग्रवाल (निदेशक और गारंटर), पवन कुमार अग्रवाल (निदेशक और गारंटर), देवेश नारायण गुप्ता (निदेशक), शारदा अग्रवाल (निदेशक और गारंटर), अज्ञात लोक सेवक और अज्ञात अन्य के खिलाफ शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था, जिसमें ऋणदाता बैंकों को 6833.82 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ।
अधिकारी ने कहा कि शिकायत में, यह आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने बढ़े हुए इन्वेंट्री रिकॉर्ड की सूचना दी थी और इसकी नीलामी प्रक्रिया उचित रूप से व्यवस्थित नहीं थी। इसके अलावा अघोषित संबंधित पार्टियों के साथ बड़ी मात्रा में बिक्री लेनदेन किए गए थे।
कंपनी द्वारा कथित तौर पर धन का गबन या इसे डायवर्ट किया गया था, जो लेनदारों के बीच वितरण को रोकने के लिए धोखाधड़ी को हटाने या संपत्ति को छिपाने आदि के बराबर है।
अधिकारी ने कहा, आरोपी को दी गई क्रेडिट सुविधाओं को पिछले साल 20 जुलाई को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने नोएडा, रुड़की, फतेहपुर और कानपुर सहित नौ स्थानों पर तलाशी ली है।