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दिल्ली का प्रदूषण: पटाखे बैन करने के बाद पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डि-कंपोजर

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अपडेटेड 09 सितंबर 2022, 10:58 AM IST
दिल्ली का प्रदूषण: पटाखे बैन करने के बाद पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डि-कंपोजर
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दिल्ली का प्रदूषण: पटाखे बैन करने के बाद पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डि-कंपोजर

नई दिल्ली, 09 सितंबर (बीएनटी न्यूज़)| दिल्ली में पटाखे बैन करने के बाद अब प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने एक और कदम उठाया है, इसके तहत पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डि-कंपोजर का निशुल्क छिड़काव किया जाएगा। दिल्ली में बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में यह बायो डि-कंपोजर इस्तेमाल किया जाएगा। पराली गलाने वाले बायो डि-कंपोजर को लेकर गुरुवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के उच्च अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। दिल्ली सरकार के मुताबिक जब दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलनी शुरू होती है, तो उसके धुएं की चादर पूरी दिल्ली को घेर लेती है। इसके प्रभाव से प्रदूषण का असर कई गुना ज्यादा घातक हो जाता है। ऐसे में इस समस्या पर समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें, इसलिए दिल्ली के अंदर निशुल्क बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर विकास विभाग, राजस्व विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के उच्च अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की गई है।

इससे पहले दिल्ली सरकार ने सर्दियों के मौसम में बढ़ने वाले वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली में सभी प्रकार पटाखों के उत्पादन ,भंडारण, बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। दिल्ली में इस बार पटाखों की ऑनलाइन बिक्री व डिलीवरी पर भी प्रतिबन्ध लगाया गया है और यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2023 तक लागू रहेगा।

वहीं गुरुवार को हुई बैठक में दिल्ली के अंदर बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में सरकार द्वारा निशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करने का निर्णय लिया गया। साथ ही बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर कृषि विभाग को किसानों से जल्द फॉर्म भरवाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस फार्म में किसान का डिटेल, कितने एकड़ खेत में छिड़काव करवाना चाहते हैं और फसल कटने का समय, यह रिकॉर्ड शामिल रहेंगे। किसान छिड़काव की तारीख भी फार्म में दर्ज करेंगे ताकि उसी हिसाब से उनके खेत में छिड़काव का इंतजाम किया जा सकें। इसके साथ ही किसानो के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर सर्दियों के मौसम में होने वाली प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सभी विभागों को विंटर एक्शन प्लान पर आधारित 15 फोकस व अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। गोपाल राय ने बताया की दिल्ली के अंदर कुछ हिस्सों में ही धान की खेती की जाती है। दिल्ली में पराली से प्रदूषण न हो, इसीलिए पिछले साल बायो डी-कंपोजर का निशुल्क छिड़काव सरकार द्वारा किया गया था। इसका बहुत ही सकारात्मक परिणाम रहा, पराली गल गई और खेत की उपजाऊ क्षमता में भी बढ़ोतरी देखी गई। इस वर्ष भी दिल्ली के अंदर बासमती या गैर बासमती दोनों ही तरह की धान के खेत पर सरकार द्वारा छिड़काव किया जाएगा।

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