विदेशी निवेशकों की रिकॉर्ड बिकवाली के बीच घरेलू निवेशकों ने शेयर बाजार की गिरावट थामी
नयी दिल्ली, 6 मार्च (बीएनटी न्यूज़)| विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) की चौतरफा बिकवाली के बीच घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के सकारात्मक रुख ने घरेलू शेयर बाजार की गिरावट को थाम रखा है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2021 से एफपीआई ने भारतीय बाजार से 14.1 अरब डॉलर की निकासी की है लेकिन इसी अवधि में घरेलू निवेशकों ने शेयर बाजार में 16 अरब डॉलर लगाये।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार के लिये विदेशी निवेशक बिकवाल बने हुये हैं। विपरीत कारोबारी धारणा और भू राजनीतिक हलचल से विदेशी निवेशकों का उत्साह ठंडा पड़ा हुआ है।
इसके अलावा महंगाई, बांड यील्ड में बढ़ोतरी और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तूफानी तेजी भी निवेश धारणा के प्रतिकूल है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि संवेदी सूचकांक शेयर बाजार में जारी भारी बिकवाली को उभरने नहीं दे रहा है और बिकवाली का सही अंदाजा सूचकांक को देखकर नहीं लगाया जा सकता है।
अक्टूबर 2021 के शीर्ष से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 10 प्रतिशत लुढ़का है लेकिन पूरे बाजार में इससे अधिक गिरावट आयी है।
बाजार पूंजीकरण के आधार पर एनएसई की शीर्ष 500 कंपनियों में से 37 प्रतिशत कंपनियां अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर से 30 प्रतिशत की गिरावट पर कारोबार कर रही हैं।
एकतरफ निफ्टी में शामिल कंपनियों में से करीब 50 फीसदी कंपनियां अपने 10 साल के औसत मूल्यांकन से भी कम पर कारोबार कर रही हैं।
दूसरी तरफ निफ्टी की एक तिहाई कंपनियां अपने 10 साल के औसत मूल्यांकन से 10 प्रतिशत से अधिक के प्रीमियम पर कारोबार कर रही हैं, जो मूल्यांकन के हिसाब से सूचकांक की दोहरी प्रकृति को दिखाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉरपोरेट आय चुनौतियों के बावजूद स्थिर बनी है लेकिन अगर रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी रहती है और कच्चे तेल के दाम लंबे समय तक बढ़े रहते हैं तो इससे आय का अनुमान प्रभावित होगा।
हालांकि, कच्चे तेल की कीमत में तेजी से निफ्टी की करीब दो तिहाई कंपनियों को लाभ हुआ जबकि एक तिहाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।