
वजीरएक्स को 2,790 करोड़ रुपये के लेनदेन में नियमों के उल्लंघन के लिए ईडी का नोटिस
नई दिल्ली, 12 जून (बीएनटी न्यूज़)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जनमई लैब्स प्राइवेट लिमिटेड (वजीरएक्स) और उसके निदेशक निश्चल शेट्टी और समीर हनुमान म्हात्रे को क्रिप्टो से जुड़े लेनदेन के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ईडी अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि एक्सचेंज को यह नोटिस 2,790.74 करोड़ रुपये के लेनदेन में कथित रूप से विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन के लिए जारी किया गया है।
ईडी ने कहा कि एक चीनी के स्वामित्व वाली गैरकानूनी ऑनलाइन सट्टेबाजी (बेटिंग) ऐप से संबंधित मनी लांड्रिंग जांच के आधार पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम से जुड़ी जांच शुरू की गई।
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने कहा कि जांच में यह तथ्य सामने आया कि चीन के नागरिकों ने भारतीय रुपये की जमा को क्रिप्टोकरेंसी टीथर (यूएसडीटी) में बदलकर 57 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई का धनशोधन किया।
बाद में इसे बाइनेंस (केमैन आइलैंड में पंजीकृत एक्सचेंज) वॉलेट को स्थानांतरित कर दिया गया। बाइनेंस ने 2019 में वजीरएक्स का अधिग्रहण किया था।
ईडी का आरोप है कि वजीरएक्स ने क्रिप्टोकरेंसी के जरिए व्यापक लेनदेन की अनुमति दी। वजीरएक्स ने धन शोधन रोधक कानून और आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) और साथ में फेमा दिशानिदेशरें का उल्लंघन करते हुए जरूरी दस्तावेजों को जुटाए बिना इनकी अनुमति दी।
अधिकारी ने बताया, जांच की अवधि में पाया गया कि वजीरएक्स के यूजर्स ने अपने पूल खाते के माध्यम से, बाइनेंस खातों से 880 करोड़ रुपये की आने वाली क्रिप्टो-मुद्रा प्राप्त की है और 1,400 करोड़ रुपये की क्रिप्टो-मुद्रा को बाइनेंस खातों में स्थानांतरित कर दिया।
उन्होंने कहा कि इनमें से कोई भी लेनदेन किसी भी ऑडिट या जांच के लिए ब्लॉकचेन पर उपलब्ध नहीं है।
जांच में यह भी पाया गया कि वजीरएक्स क्लाइंट बिना किसी उचित दस्तावेजीकरण के मूल्यवान क्रिप्टो-मुद्राओं को किसी भी व्यक्ति को उसके स्थान और राष्ट्रीयता के बावजूद स्थानांतरित कर सकते हैं, जो कि इसे मनी लॉन्ड्रिंग या अन्य नाजायज गतिविधियों की तलाश करने वाले यूजर्स के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बनाता है।