ईडी ने गिलानी को 14.40 लाख रुपये जुर्माना जमा करने का रिमाइंडर नोटिस भेजा
नई दिल्ली, 15 जुलाई (बीएनटी न्यूज़)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को एक रिमाइंडर नोटिस भेजा है, जिसमें उन्हें नोटिस प्राप्त करने के 10 दिनों के भीतर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत उन पर लगाए गए 14.40 लाख रुपये के जुर्माने का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। 13 जुलाई के नोटिस की कॉपी आईएएनएस ने देखी है।
ईडी के सहायक निदेशक ने गिलानी को 14.40 लाख रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश देते हुए रिमाइंडर नोटिस भेजा, जो उन पर फेमा के तहत लगाया गया था। नोटिस में आगे गिलानी को नोटिस मिलने के 10 दिनों के भीतर डिमांड ड्राफ्ट के रूप में राशि जमा करने को कहा गया है।
ईडी ने यह भी कहा कि यदि गिलानी निर्धारित समय के भीतर राशि जमा करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ फेमा के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी।
ईडी ने गिलानी से यह भी साझा करने को कहा कि क्या किसी अदालत या न्यायाधिकरण या प्राधिकरण द्वारा उन पर लगाए गए जुर्माने के खिलाफ कोई स्थगन आदेश पारित किया गया है, और यदि ऐसा है तो उसकी एक प्रति जांच एजेंसी को प्रदान करें।
ईडी द्वारा हुर्रियत (जी) के अध्यक्ष गिलानी पर अवैध रूप से लगभग 10,000 डॉलर की विदेशी मुद्रा और 10 लाख रुपये की भारतीय मुद्रा रखने के लिए 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के लगभग दो साल बाद यह कार्रवाई हुई है।
ईडी ने मार्च 2019 में गिलानी पर जुर्माना लगाया था।
वित्तीय जांच एजेंसी ने कहा था कि 20 मार्च, 2019 को जम्मू-कश्मीर में उसके परिसर से बेहिसाब विदेशी मुद्रा की जब्ती के बाद गिलानी पर जुर्माना लगाया गया था।
ईडी के एक बयान में कहा गया था, सैयद अली शाह गिलानी के मामले में अवैध रूप से विदेशी मुद्रा रखने के अपराध के मामले में 20 मार्च, 2019 को उन पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और 10,000 डॉलर की विदेशी मुद्रा को जब्त कर लिया गया है।
ईडी ने गिलानी के खिलाफ आयकर विभाग की शिकायत के बाद मामले को अपने हाथ में लियाथा। आयकर विभाग ने 9 जून, 2002 को श्रीनगर के हैदरपोरा में गिलानी के आवास के भूतल से 10,000 डॉलर और 10 लाख रुपये बरामद किए थे और इस धनराशि को एजेंसी ने जब्त कर लिया था।
अधिकारियों ने तलाशी के बाद गिलानी की पत्नी जवाहिरा से पूछताछ की, जिसमें उन्होंने जब्त भारतीय मुद्रा के बारे में तो कुछ स्पष्टीकरण दे दिया था, लेकिन जब्त विदेशी मुद्रा के स्रोत की व्याख्या वह नहीं कर पाई थीं।
फेमा के तहत जांच के आधार पर ईडी ने 6 जून, 2017 को शिकायत दर्ज की थी। तदनुसार, गिलानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।