
फाउंडेशंस को सरकार की लोकहितकारी शाखाओं के रूप में देखा जाना चाहिए: पायल कनोडिया
नई दिल्ली,20 दिसंबर (बीएनटी न्यूज़) देश की अग्रणी रिएल एस्टेट कंपनियों में शुमार एमथ्रीएम इंडिया की एमथ्रीएम फाउंडेशन परोपकारी कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही है और इसका मकसद समाज और महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करना है। इसकी ट्रस्टी डा़ पायल कनोडिया हैं जो पेशे से चिकित्सक हैं और जिन्हें हाल ही में सेंट पीटर्सबर्ग,रूस की इंटरनेशनल यूनीवर्सिटी ऑफ फंडामेंटल स्टडीज से अंतरराष्ट्रीय संबंधों एंव कूटनीति में ग्रांड डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की उपाधि से नवाजा गया है। वह सीडीआई की डिप्लोमेटिक मेंबर हैं और उन्होंने अपनी उद्यमिता की पढ़ाई एचबीएस, बोस्टन से की है। वह रियल एस्टेट कंपनी का कारोबार भी संभालती हैं।
एमथ्रीएम फाउंडेशन का मुख्य ध्यान स्वास्थ्य, शिक्षा, आपदा प्रबंधन और सामाजिक-आर्थिक विकास पर रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्र की जीवनशैली में भी बदलाव आ सके ।
पायल ने आईएएनएस को बतायाएमथ्रीएम में हम सतत बदलाव में यकीन रखते हैं और लाभार्थियों को जिम्मेदार बना रहे हैं। जहां तक भारत का सवाल है तो यहां अभी काफी कुछ किया जाना है और मेरा मानना है कि अपनी फाउंडेशन के जरिए हम जिस पर जोर देना चाहते हैं , उसी पर ध्यान केन्द्रित करते हैं तथा हमें एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों को उनके अभियानों में मदद करनी चाहिए।
पायल जब भी अपनी कंपनी की निर्माणाधीन साइटों पर जाती हैं तो वह सभी चीजों पर ध्यान देती हैं और उन्होंने जब देखा कि उनकी निर्माणाधीन साइटों पर काम करने वाले बहुत सारे मजदूर अपने बच्चों को घर छोड़कर आते हैं जहां उन पर ध्यान देने वाला कोई नहीं होता है,तो उन्होंने इस बात पर ध्यान दिया ताकि उनकी बेहतर देखभाल की जा सके।
पायल ने बताया मैंने देखा कि हमारी निर्माणाधीन साइटों पर काम करने वाले मजदूर अपने बच्चों को आमतौर पर घर छोड़कर आते हैं। मैंने उन लोगों से बातचीत की तो मैंने महसूस किया कि वे भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं। एक जिम्मेदार कंपनी होने के नाते हमने महसूस किया कि उनके लिए कुछ किया जाना है और इसी को ध्यान में रखते हुए एमथ्रीएम फाउंडेशन ने एक प्रोजेक्ट आईएम पॉवर शुरू किया जिसका मकसद संसाधनों की सुनिश्चितता के जरिए कार्यबल की क्षमता को बेहतर करना है। हमने इस दिशा में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों तथा फाउंडेशंस के जरिए गठजोड़ किया और आज हम ऐसे बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा तथा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा महिला कार्यबल के कौशल विकास पर भी ध्यान दिया गया है और बहुत जल्दी हम इन महिलाओं के लिए कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना करने जा रहे हैं। इस पूरी कवायद का मकसद इन महिलाओें को एक गरिमापूर्ण जीवन उपलब्ध कराना है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में एमथ्रीएम फाउंडेशन के प्रोजेक्ट आईएम पावर को बेंगलुरू में भारत सीएसआर लीडरशिप अवार्ड में ‘मोस्ट इनोवेटिव कम्युनिटी एंगेजमेंट प्रोजेक्ट 2021’ के तौर पर मान्यता दी गई थी।
उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपनी फाउंडेशन के योगदान की चर्चा करते हुए कहा “मेरा हमेशा मानना है कि अधिकतर कंपनियों का ध्यान परोपकारी गतिविधियों पर होता है और वे इनके जरिए ऐसे लोकोपकारी कार्यों को कराते हैं। मेरा यह भी मानना है कि चूंकि हम समाज और राष्ट्र की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं तो ऐसे में इस तरह की फाउंडेशंस को सरकार की परोपकारी शाखाओं के विस्तारित रूप में देखा जाना चाहिए। हम समृद्धि के भी तो सहयोगी हैं और कोरोना महामारी के दौरान जारी लॉकडाउन में हमने हरियाणा सरकार के साथ मिलकर काम किया तथा कॉरपोरेट निकायों, एनजीओ, धार्मिक संगठनों और व्यक्तियों को भी लेकर एक साथ लेकर चले। इसी सहयोग का नतीजा था कि हमने दो लाख से अधिक लोगों को खाना, स्वास्थ्य सुविधाएं और साफ सफाई में मदद की। हमने इस पहल को ‘कर्तव्य’ का नाम दिया था और वास्तव में यह हम सभी की ओर से साझा की गई एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी।”
पायल का अधिकतर समय फाउंडेशन की गतिविधियों में ही बीतता है और उनके जूनून और एक साथ सबको लेकर चलने ने एक फाउंडेशन के विजन को और मजबूत किया है।