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राजस्थान सरकार ने 20.55 लाख किसानों का किया बायोमैट्रिक सत्यापन

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अपडेटेड 22 दिसंबर 2020, 2:53 PM IST
राजस्थान सरकार ने 20.55 लाख किसानों का किया बायोमैट्रिक सत्यापन
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राजस्थान सरकार ने 20.55 लाख किसानों का किया बायोमैट्रिक सत्यापन

जयपुर, 22 दिसंबर (बीएनटी न्यूज़)| राजस्थान सरकार के दो साल के कार्यकाल में अशोक गहलोत सरकार द्वारा अब तक 20.55 लाख किसानों को बायोमैट्रिक सत्यापन के बाद ऋण माफी प्रमाण पत्र वितरित कर 7726.90 करोड़ रूपए का फसली ऋण माफ किया गया है। राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 में फसली ऋण के साथ साथ केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं भूमि विकास बैंक सहकारी बैंकों के मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन कृषि ऋण सीमान्त एवं लघु श्रेणी के किसानों के माफ किए गए। इसमें 30 नवम्बर, 2018 की स्थिति में अवधि पार खातों के 2लाख रूपए के बकाया ऋणों को माफ कर किसानों को राहत दी गई। इस योजना से अब तक 29,262 किसानों का 336.49 करोड़ रूपए का ऋण माफ किया गया है। इन किसानों की जमीन पुन: उनके नामे हो चुकी है।

पिछले 2 वर्षों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने लगातार किसानों के हित में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। कोरोना महामारी के बीच, किसानों की आर्थिक और सामाजिक विकास को सुनिश्चित करके उनकी समस्याओं को दूर करना राज्य सरकार की प्रमुखता में रहा है।

इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में, राज्य सरकार के सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं को पारदर्शी तरीके से और प्रतिबद्धता के साथ लागू किया जा रहा है। इसका परिणाम ये है कि किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

किसानों के लिए, उनकी उपज के उचित मूल्य के लिए एक लड़ाई है, जिसे मुक्ति दिलाने के लिए राज्य सरकार ने 550 ग्राम सेवा सहकारी समितियों और निजी सहकारी बाजार के रूप में खरीद और बिक्री सहकारी समितियों को अधिसूचित किया है ताकि किसानों से जल्द से जल्द खरीद की जा सकें।

अब किसान उपज को अपने खेत और गांव के पास बेच सकता है। इसके अलावा, कृषि उपज मंडियों के अनुसार, खुली नीलामी में कृषि जिंसों की बिक्री से प्रतिस्पर्धी मूल्य की सुविधा मिल रही है। 30 जून तक 19 हजार 243 किसानों को लाभ मिला है तथा उनकी 6 लाख 70 हजार 580 क्विंटल उपज की खरीद हुई है। जिसकी राशि 152.95 करोड़ रूपए है।

राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि “बहुत से किसानों को फसल बुवाई और अन्य कार्यो के लिए पैसे उधार लेना पड़ता है इनके आर्थिक भार को कम कृषि उपकरणों पर खर्च को कम करने के लिए, ग्राम सेवा सहकारी समितियों और खरीद बिक्री सहकारी समितियों को उचित किराए पर आसानी से उपलब्ध उपकरण उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्रों के साथ जोड़ा जा रहा है। 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए 8 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।”

मुख्यमंत्री गहलोत ने देश में पहली बार सहकारिता के क्षेत्र में सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना 2019 की शुरूआत की है जिससे ऋण वितरण में भेदभाव को समाप्त किया जा सकें।

इसी के चलते, बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर वास्तविक किसान को लाभ मिल रहा है। इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए, राज्य के 12.72 लाख नए सदस्य किसानों को फसली ऋण स्कीम से जोड़ा गया है। साथ ही बैंकिंग सुविधा में वित्तीय समावेशन एवं पारदर्शिता लाई जा रही हैं। गहलोत ने 29 जिलों के केन्द्रीय सहकारी बैंकों की सभी शाखाओं को कम्प्यूटरीकृत कर कोर बैंकिंग सोल्यूशन से जोड़ने का निर्णय भी लिया था।

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